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छत्तीसगढ़ का हाल : आधार बनाने 80 किमी का सफर, फिर भी खाली हाथ लौट रहे ग्रामीण….

जगदलपुर। बस्तर के लोगों को आधार कार्ड बनवाने के लिए जेब से अधिक खर्च करना पड़ रहा है और यह श्रमसाध्य भी हो गया है। आधारकार्ड बनवाने दुरस्थ अंचलों के लोगों को जिला मुख्यालय का चक्कर काटना विवशता बन गई है। परेशानी की इस बात की है कि महंगा किराया लगाकर वाहनों से यहां आना पड़ता है और उसके बाद दिनभर भूखे प्यासे मेहनत कर लाईन में लगना पड़ता है।

दुरस्थ अंचलों से आये हुए ग्रामीणों को प्रतिदिन 70-80 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। जिला परिसर स्थित एक मात्र लोकसेवा केंद्र में कतार लगाए दिन भर खड़े रहने के बाद भी कुछ लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। दो-तीन दिन की जद्दोजहद के बाद ग्रामीण बड़ी मुश्किल से आधार कार्ड बनवा पा रहे हैं।



सर्वाधिक परेशानी दूरस्थ अंचलों में रहने वाले लोगों को हो रही है। बस या टैक्सी से आने वाले लोगों को आना- जाना सीमित कमाई में काफी महंगा पड़ता है। पिछले दिनों जिला मुख्यालय में 40 किमी दूर नेगानार और तोकापाल से 8 महीने से लेकर दो साल तक के बच्चों को लेकर आधार कार्ड बनवाने पहुंची महिलाओं ने बताया कि वे आधार कार्ड बनवाने के लिए पिछले दो-तीन दिनों से चक्कर लगा रही हैं लेकिन उनका आधार कार्ड नहीं बन रहा है।

महिलाओं ने कहा कि हर बार उन्हें अभी तुम्हारा नंबर नहीं आया है बाद में आना कहकर भेज दिया जाता है। महिलाओं ने कहा कि आधार कार्ड नहीं बनने से उन्हें आने वाले दिनों में राशन और पीएमजेएसवाय योजना का लाभ नहीं मिलने की चिंता सता रही है। इसी को दूर करने के लिए वे आधार कार्ड बनवा रही हैं। महिलाओं ने कहा कलेक्टोरेट में संचालित इस लोक सेवा केंद्र में कार्ड बनवाने आने वाले लोगों के लिए बैठने की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है।



जमीन पर बैठकर कार्ड बनवाने का इंतजार करना पड़ रहा है। इस संबंध में यह भी एक विशेष तथ्य है कि एक ही मशीन में आधार लिंक की उपलब्धता है और यह भी सीमित समय तक ही कार्य करता है जिससे मुश्किल से 15-20 लोगों का पंजीयन हो पाता है। इसी से और अधिक परेशानी हो रही है। जबकि और अधिक मशीनें लगाने की आवश्यकता है।

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