रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मातृत्व अवकाश रमन सरकार का तोहफा नहीं, देश का कानून है। जरूरत इस बात की है कि 2017 का केंद्रीय कानून केंद्रीय कानून को इतने दिन लागू न करने के लिए रमन सरकार खेद व्यक्त करें। अपनी गलती को अपनी चूक को अपनी नाकामी को कैबिनेट का महिला समर्थक निर्णय बनाकर प्रस्तुत करना रमन सरकार की राज्य की जनता और महिला जगत के साथ धोखाधड़ी है।
श्री त्रिवेदी ने कहा है कि 2008 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में सिंचाई पम्पों को मुफ्त बिजली का संकल्प लिया था। 2003 के पहले कांग्रेस सरकार में तो मध्यप्रदेश के समय से ही प्रति हार्स पावर बिजली की दरें 65 रू. प्रति हार्स पावर तय थी। यह फैसला लेकर रमन सिंह सरकार ने न केवल प्रदेश को 15 साल वापस ले जाने का फैसला लिया और 2008 के संकल्प को भुला ही दिया है। किसान विरोधी भाजपा सरकार ने 65 रुपए प्रति हार्स पावर के फ्लेट रेट को बढ़ाकर 5 एचपी तक 200 रुपए प्रति हार्स पावर और 5 एचपी के ऊपर 300 रुपए प्रति एचपी कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा कानून लागू करने के बाद महिलाओं को मातृत्व अवकाश का लाभ नहीं देने वाली रमन सरकार क्या अब कम से कम अपने कानूनी दायित्वों का पालन करके इन महिलाओं को मातृत्व अवकाश की सुविधा देगी। कांग्रेस ने मांग की है कि जिन महिलाओं ने इस दौरान नौकरी की और उन्हें मातृत्व अवकाश का लाभ नहीं दिया गया, रमन सरकार उनको मातृत्व अवकाश का नकदीकरण करके इसका लाभ दें और अपनी नैतिक जिम्मेदारी पूरी करें। श्री त्रिवेदी ने मांग की है कि जिन महिला कर्मचारियों को अपना अधिकार ना मिलने के कारण न्यायालय की शरण में जाना पड़ा, रमन सिंह सरकार उनको न्यायालय जाने का वाद व्यय और उसकी क्षतिपूर्ति देकर अपनी गलती को सुधारने का काम करें। कांग्रेस ने मांग की है कि केंद्रीय कानून को 2 वर्ष तक लागू न कर पाने में विफल रही रमन सरकार और इसे अभी तक लागू नहीं करने की चूक स्वीकार करे।
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