आगामी रणनीति बनाने 23 सितम्बर को फिर जुटेंगे देशभर के पैरा शिक्षक संघ के प्रतिनिधिगण
रायपुर। आज राजधानी नई दिल्ली में देश के 7 राज्यों से पैरा शिक्षक संघ के प्रतिनिधि राष्ट्रीय पैरा शिक्षक संघर्ष समिति की कोर कमेटी की बैठक में शामिल हुए। बैठक में छत्तीसगढ़ से वीरेंद्र दुबे के अलावा मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, बिहार जैसे बड़े राज्य के पैरा शिक्षक संघ के प्रतिनिधि कोर कमेटी की बैठक में उपस्थित हुए। सभी ने एकमत से निर्णय लिया कि पूरे देश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए एक समान शिक्षक, एक समान पाठ्यक्रम, एक समान शाला की व्यवस्था की जानी चाहिए, पूरे देश में समान शिक्षा व्यवस्था की स्थापना करते हुए पैरा शिक्षक प्रणाली की समाप्ति होनी चाहिए। साथ ही शिक्षा जैसे मूलभूत और आवश्यक कार्यों मैं संविदा जैसी प्रणाली को समाप्त कर सभी पैरा शिक्षक, संविदा शिक्षक, शिक्षाकर्मी के रूप में कार्य कर रहे शिक्षकों का शिक्षा विभाग में संविलियन हो जिससे शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जा सके।
राष्ट्रीय पैरा शिक्षक संघर्ष समिति ने बैठक में निर्णय लिया है कि जल्द ही शेष बचे राज्यों के शिक्षकों को संगठित करके राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा, जिसके लिए आगामी 23 सितंबर को पुन: देशभर के सभी राज्यों जहां पैरा शिक्षक व्यवस्था लागू है, उनके प्रतिनिधि बैठक में जुटेंगे और आगे की रणनीति बनाकर कार्य करेंगे। राष्ट्रीय पैरा शिक्षक संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक वीरेंद्र दुबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मांग की है कि जिस प्रकार छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों का संविलियन कर दिया गया है उसी तर्ज में सभी प्रदेशों में भी संविदा प्रणाली को समाप्त करके शिक्षकों का अविलंब संविलियन किया जाए। बैठक में छत्तीसगढ़ से वीरेंद्र दुबे,घनश्याम पटेल, मध्यप्रदेश से शिल्पी सीवान, बीएल मालवीय, हीरानन्द नरवरिया, बिहार से आनंद कौशल सिंह, दिल्ली से गौरव यादव, उत्तरप्रदेश से शिव कुमार शुक्ला, झारखंड से प्रद्युम्न कुमार सिंह, बजरंग प्रसाद, हरिकेश पाठक, उत्तरांचल से उत्तम शर्मा, पश्चिम बंगाल से मधुमिता बैनर्जी, इसके अलावा देश के विभिन्न राज्यों से प्रतिनिधि शामिल हुए।
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