रायपुर। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के द्वारा पेट्रोल डीजल के बढ़े दामों के विरोध में देशभर के ट्रकों के पहिए 24 घंटे से थमे हुए है और भाजपा नरेन्द्र मोदी सरकार गंभीर दिखाई नहीं दे रही है, क्या सरकार स्थिति भयावह होने का इंतजार कर रही है? भाजपा मोदी सरकार ने मंहगाई की दुहाई देकर, मंहगाई कम करने का भरोसा दिलाकर, अच्छे दिनों के वादे कर सत्ता पर काबिज हुयी मगर पिछले साढ़े चार सालों में महंगाई देश में सबसे अधिक उचाईयों पर है, यह सरकार की गलत नीति-निर्णयों का ही नतीजा है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा है कि, पेट्रोलियम उत्पादों में महंगाई से आम जनजीवन से जुड़ी वस्तुओं की कीमतें आसमान को छू रही है, हर चीज के दाम बढ़ गये है, पेट्रोलियम पदार्थों के मंहगे होने से बसों का भाड़ा, स्कूली बच्चों का बस भाड़ा, ट्रकों, टैक्सियों का किराया बढ़ गया है, पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों की बढ़ोतरी देश के नागरिकों की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतो से आम जनता परेशान है।
पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतो से आम जनता परेशान
बसों से परिवहन पर निर्भर लोगों को नई बस दरें लागू होने से महंगाई की आग में और घी डालने का काम प्रदेश की रमन सरकार ने किया है। ट्रको के हड़ताल से मूलभूत वस्तुओ के दाम बढ़ने का भय जनता को सता रहा है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होनी चाहिए, राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य मूल्य निर्धारण एवं कीमतों में त्रैमासिक संशोधन हो, भारत टोल बैरियर मुक्त हो, तृतीय पक्ष बीमा प्रीमियम में पारदर्शिता और इस पर जीएसटी की छूट हो, काम्प्रेसिव पॉलिसी के माध्यम से एजेंटों को भुगतान किए जा रहे अतिरिक्त कमीशन को समाप्त किए जाएं, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर टीडीएस समाप्त हो और आयकर अधिनियम की धारा 44 ई. ए. अनुमानित आय में कमी तर्कसंगत हो, इवे बिल के नियमों में जरूरी संशोधन किया जाए तथा कमर्शियल वाहनों के 15 वर्ष के निरस्तीकरण को 20 वर्ष किया जाए जैसी मांगे जायज है।
कांग्रेस पार्टी पूरे देश में जिला और राज्य स्तरीय हर स्तर पर पेट्रोल-डीजल की महंगाई के विरोध में प्रदर्शन कर रही है, लेकिन मोदी सरकार को जनता की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है, वाजिब और जायज मांगों की भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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