रायपुर। समय पर 108 एंबुलेंस नहीं मिल पाने के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से मेकाहारा लाने में हुई देरी से प्रसूता की मौत हो गई, कांग्रेस ने प्रसूता की मौत के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को जिम्मेदार ठहराया। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि पुरानी कहावत है डॉक्टर के घर बीमारी रहती है वह कहावत छत्तीसगढ़ में चरितार्थ हो रही है। राज्य का मुख्यमंत्री पेशे से चिकित्सक है इसके बावजूद राज्य का स्वास्थ्य विभाग बीमार लाचार अपंग है। कांग्रेस के यूपीए सरकार में शुरू की गई आपातकालीन एंबुलेंस सेवाओं 108 और 102 योजना का श्रेय लेने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एंबुलेंस में अपनी तस्वीर तो चस्पा करा दिए लेकिन उस महती योजना का बेहतर तरीके संचालन करने में विफल रहे है जिसका खामियाजा आपातकालीन परिस्थितियों में समय पर एम्बुलेंस नही मिलने के कारण लोगों को अपनी जान गवानी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, बड़े सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी, प्रशिक्षित स्टाफ नर्स की कमी, संसाधनों का अभाव, दवाइयों की कमी को पूरा करने में भाजपा सरकार नकारा साबित हो चुकी है और 102-108 एंबुलेंस जो जनमानस को स्वास्थ्यगत विपत्ति के समय में लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने में कारगर साबित हो रहा था वो भी इनके लापरवाही का शिकार हो गया। जीवीके कंपनी के साथ स्वास्थ्य मंत्री भी बदले, सरकारी अस्पतालों की हालत बदतर है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दोंदे कला में सुविधायें होती तो प्रसुता की जान को बचाई जा सकती थी।
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