विद्या मितानों को न्याय दिलाने आगे आई आम आदमी पार्टी

अब लड़ाई में पूरा साथ व समर्थन : संकेत ठाकुर
रायपुर। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार की नीतियों और इसकी दिशा—दशा से हर शासकीय विभाग के कर्मचारियों में रोष देखने को मिल रहा है, जिसने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अगुवाई वाली इस सरकार की असफलताओं का भंडाफोड़ कर दिया है। वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) की छत्तीसगढ़ इकाई इनके संघर्ष में साथ देकर इन्हें न्याय दिलाने के लिए आगे आई है। सोमवार को राजधानी रायपुर के धरनास्थल पर आंदोलनरत विद्यामितान संघ को आप का पूर्ण समर्थन मिला।
नई दिल्ली की कोंडली विधानसभा सीट के विधायक मनोज कुमार ने आज इन संघर्षरत विद्यामितानों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं की जानकारी हासिल की और उन्हें पूरा विश्वास दिलाया कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में ‘आप’ की सरकार बनती है तो पार्टी उन्हें निश्चित रूप से उनका जायज हक दिलवाएगी। इस मुलाकात के दौरान आप के छत्तीसगढ़ संयोजक डॉ. संकेत ठाकुर और प्रदेश संगठन के कई अन्प पदाधिकारी शामिल थे।
दिल्ली के विधायक मनोज कुमार ने विद्या मितान संघ के सदस्यों और पदाधिकारियों से बातचीत में बताया कि दिल्ली में आप सरकार ने शिक्षकों को पूरा सम्मान देते हुए उनके काम—काज के लिए आदर्श माहौल तैयार करने पर पूरा ध्यान दिया है। वहां शासकीय स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है और इसका श्रेय राज्य सरकार को नहीं, शिक्षकों को जाता है। यह बात दीगर है कि राज्य सरकार ने शिक्षकों के लिए सेवा की संतोषजनक सेवा परिस्थितियां तैयार कीं। वहीं, छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार शिक्षकों के साथ बदसलूकी की और उन्हें अपनी मांगें पूरी करने के लिए सरकार के खिलाफ सडक़ों पर उतरकर आंदोलन छेडऩा पड़ा। इससे प्रदेश में शिक्षा की स्थिति पूरी तरह से डांवाडोल हो चुकी है। इसे राज्य के भविष्य के लिए आदर्श स्थिति नहीं कहा जा सकता है।
वहीं, विद्या मितानों को संपूर्ण न्याय मिलने तक उन्हें आप के समर्थन और सहयोग का पूर्ण भरोसा दिलाते हुए प्रदेश आप संयोजक डॉ. संकेत ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार सिलसिलेवार ढंग से राज्य के हर संस्थान को तहस—नहस करने पर आमादा है।
समाज के भविष्य का निर्माण करने वाले शिक्षकों को देश में बेहद सम्मान की नजरों से देखा जाता था लेकिन दुर्भाग्य से आज भाजपा सरकार की नीतियों ने शिक्षकों को दोयम दर्जे का इन्सान बना दिया है। यह बेहद आपत्तिजनक हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने शिक्षाकर्मियों को दबाव के तहत सरकार की तानाशाही मानने को मजबूर करने की कोशिश की लेकिन आखिरकार सरकार को घुटने टेकने ही पड़े।
अब सरकार विद्या मितानों की आवाज भी दबाने की कोशिश कर रही है लेकिन आप ऐसा नहीं होने देगी। यह पार्टी शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हिस्सेदारी करने वालों को सम्मान का स्थान दिलाना चाहती है। अगर इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को राज्य की सत्ता में आने का अवसर मिला तो शिक्षाकर्मियों और विद्यामितानों की सेवाओं को नियमित करने के साथ ही उन्हें हर वह लाभ दिया जाएगा जो नियमित शिक्षकों को मिलता है।
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