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डीजल बचाने के चक्कर में चालक ने कच्ची सडक़ पर फंसा दी एंबुलेंस, फिर युवकों ने किया कमाल

कोरबा। चालक द्वारा समय और डीजल बचाने के चक्कर में एक एम्बुलेंस ऊबड़-खाबड़ कच्ची सडक़ पर फंस गई। रात में कई घंटे तक फंसी एम्बुलेंस को स्थानीय लोगों की मदद से निकाला जा सका, तब कहीं जाकर प्रसूता को उसके घर तक पहुंचाया जा सका।
विकासखंड पाली के ग्राम मादन से होते हुए अलगीडांड़ की दूरी करीब 5 किलोमीटर है और पाली से बगधरीडांड़ तक पक्की सडक़ बन गई है। अगर बगधरीडांड़ से नेवरियापारा होते हुए अलगीडांड़ को मुख्यमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना से जोड़ दिया जाए तो ग्रामीणों को पाली आने-जाने में कम समय लगेगा और खर्च की भी बचत होगी। हालांकि पाली-डूमरकछार-पोटापानी होते हुए अलगीडांड़ पक्की सडक़ से जुड़ गए हैं।

इस पक्की सडक़ से पाली आने-जाने में घुमाव की वजह से करीब 20 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। इस कारण अलगीडांड़ के रहवासी पक्की सडक़ से आवागमन न कर समय व खर्चा बचाने कलमीपारा से नेवरियापारा की उबड़-खाबड़ कच्ची सडक़ से परेशानी झेल कर बगधरीडांड़ पहुंचते हैं।
पाली निवासी शंकर दास महंत ने बताया कि यही समय और खर्च के बचत के चक्कर में डिलीवरी के बाद प्रसूता को उसके घर छोडऩे आई एम्बुलेंस रात्रि करीब 10 बजे कच्ची सडक़ के कीचड़ में फंस गई। एम्बुलेंस चालक उबड़-खाबड़ कच्ची सडक़ से होकर गुजर रहा था कि कीचड़ में गाड़ी फंस गई। चालक द्वारा एम्बुलेंस को निकालने के लिए प्रयास किया जा रहा था। इस दौरान गांव के युवक दीपक मरकाम की नजर पड़ गई। कीचड़ में फंसी एम्बुलेंस को निकालने के लिए दीपक ने अपने साथियों को बुलाकर काफी मशक्कत की। अंतत: एम्बुलेंस को बाहर निकाल लिया गया। इसके उपरांत एम्बुलेंस चालक ने प्रसूता को सुरक्षित घर तक पहुंचाया।

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