रायपुर। संविलियन की घोषणा एवं आदेश के पश्चात शालेय शिक्षाकर्मी संघ छत्तीसगढ़ स्थापक सदस्य रविवार को बेमेतरा प्रवास पर हैं, शालेय शिक्षाकर्मी संघ छत्तीसगढ़ की स्थापना अविभाजित दुर्ग जिले में हुई थी। संयोगवश चारों संस्थापक सदस्य वीरेंद्र दुबे, धर्मेश शर्मा, चंद्रशेखर तिवारी एवं सत्येंद्र सिंह एक नई ऊर्जा के साथ बेमेतरा में उपस्थित हैं, शालेय शिक्षाकर्मी संघ छत्तीसगढ़ की स्थापना संविदा शिक्षक संघ के रूप में हुई थी। छत्तीसगढ़ विभाजन के बाद जब शिक्षाकर्मी प्रथा को समाप्त कर संविदा प्रथा का आरंभ किया गया था, 10 महीनों के बाद संविदा को समाप्त करके शिक्षकों को घर पर बैठा दिया जाता था तथा।
10 महीने तक उन्हें वेतन नहीं मिलता था, इसलिए संविदा से शिक्षाकर्मी बनने के लिए इस संगठन को स्थापना एक नवम्बर 2002 को शांति विहार कालोनी बेमेतरा में जिस घर से की गई थी आज उसी घर के सामने की प्रदेश अध्यक्ष एवं संस्थापक सदस्यों ने मिलकर चंदन संविलियन वृक्ष लगाया।
इस कार्यक्रम में शालेय शिक्षाकर्मी संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे, धर्मेश शर्मा, प्रांतीय महासचिव, चंद्रशेखर तिवारी, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष दुर्ग, सत्येंद्र सिंह, उप-प्रदेश अध्यक्ष एवं जिला अध्यक्ष बेमेतरा, घनश्याम पटेल, प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य, दिनेश शर्मा, मीनाक्षी शर्मा, सपना तिवारी उपस्थित हुए। वृक्षारोपण के साथ ही साथ सभी संस्थापक सदस्यों ने संकल्प लिया की हमारे दिवंगत साथियों की अनुकंपा नियुक्ति, वेतन विसंगति एवं 8 वर्ष से कम शिक्षकों के लिए हमेशा प्रयासरत रहेंगे, साथ ही कुछ कमियां रह जाती हैं उसे भी दूर करने का लगातार प्रयास करेंगे।
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