नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (एनईईटी) और ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) साल में दो बार कराए जाने को हरी झंडी दे दी है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेेकर ने बताया कि नीट, जेईई मेंस, जिपैट, नेट जो सीबीएसई कराती थी वो अब ये नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कराएगी। ये सभी परीक्षाएं पेपरलेस होंगी और कम्प्यूटर पर होगी। नेशनल टेिस्टिंग एजेंसी ने अपना काम शुरू कर दिया है। जावड़ेकर ने कहा कि भारत की परीक्षा प्रणाली भी विदेशों की तरह ही पारदर्शी बनाने के लिए सभी परीक्षाओं को कम्प्यूटंर के जरिए ही लेने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम, फीस, भाषाओं में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के पैटर्न में भी किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि नीट में 13 लाख स्टूडेंट्स होते हैं जबकि जेईई में 12 लाख और सीमैट में एक लाख छात्र बैठते हैं। उन्होंने कहा कि नेट की परीक्षा दिसंबर में होगी। जेईई मेन्स परीक्षा अब दो बार होगी। यह परीक्षा जनवरी और अप्रैल में होगी। नीट की परीक्षा फरवरी और मई में होगी।
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