बैकुंठपुर, चंद्रकांत पारगीर। कोरिया जिले की इस पुलिया को देख कर आपको हैरानी तो होगी ही साथ ही गुस्सा भी आएगा। वर्तमान में सोनहत विकासखंड में विकास कार्यों के नाम पर पुलिया निर्माण की होड़ सी लगी है। आलम यह है की बिना स्थल चयन किए मनमर्जी से निर्माण हो रहा है। सोनहत क्षेत्र में ऐसे कई निर्माण देखने को मिल सकते हैं जिनकी उक्त स्थान पर कोई जरूरत ही नहीं थीं बावजूद इसके धड़ल्ले से निर्माण कार्य करा दिया गया। ऐसा ही एक मामला सोनहत में फिर से देखने को मिला है। दरअसल सोनहत से भैंसवार मार्ग पर ओदारी से पोंड़ी पहुंच मार्ग के नाम पर मुख्य सड़क किनारे एक पुलिया का निर्माण कराया गया है।
जिसमें तीन पुलिया और मिटटी सड़क लागत लगभग 40 लाख बताया जा रहा है। निर्माण कार्य में जंगल की गिटटी का भी भरपूर प्रयोग किया गया है साथ ही ध्यान देने वाली बात यह है की जो पुलिया बनाई गई है उसमें नीचे पानी पास होने के लिए जगह ही नही छोड़ी गई है। कुछ जगह है भी तो उसमें पानी की निकासी संभव नहीं है। अगल-बगल और आगे पीछे न कोई नाला है और न ही कोई बड़ा गड्ढा ऐसी स्थिती में इस पुलिया का निर्माण किस उददेश्य से किया गया है।
तेलीमूड़ा में भी खेत किनारे पुलिया
ग्राम पंचायत कैलासपुर के तेलीमूड़ा साहू पारा में नहर के बगल में स्थित खेत के कनारे भी एक पुलिया का निर्माण इसी तर्ज पर कराया गया है। सामन्य स्थिती में देखने पर पलिया का औचित्य समझ से परे है। खेत के किनारे पुलिया निर्माण कराए जाने से कुछ ग्रामीण आश्र्चय चकित है। सोनहत विकासखंड के कई निर्माण कार्यों में स्थल स्थल चयन एवं कार्य पुर्व स्थल निरिक्षण का मुददा सवालिया होता जा रहा है। कई समाजिक कार्यकर्ताओं ने तकनिकी विभागों पर आरोप लगाते हुए कहा की बिना स्थल चयन कैसे निर्माण कर दिया जाता है।
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