
चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में गौ सेवा के लिए गौ रक्षा वाहिनी के पदाधिकारियों व उनकी टीम नि:स्वार्थ भाव से सेवा में लगी है, जो सराहनीय है और पशु पालकों के लिए प्रेरणा भी है। गौ रक्षा वाहिनी के द्वारा अब तक भारी संख्या में मृत आवारा पशुओं का अंतिम संस्कार कराया गया है। जहां भी गौ वंश के मृत होने की जानकारी मिलती है तत्काल पहुंच कर अंतिम संस्कार की कार्यवाही शुरू कर दी जाती है। इसके अलावा बीमार पशु व घायल पशुओं की सूचना मिलने पर कहीं पर भी दिन हो या रात पहुंच जाते हैं।
ऐसा नहीं कि रात के समय सूचना मिलती है तो नहीं पहुंचते। चौबीस घंटे सातों दिन गौ रक्षा वाहिनी के टीम गौ सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। गौ रक्षा वाहिनी के जिला अध्यक्ष अनुराग दुबे उर्फ अन्नु दुबे व उनकी टीम को गौ सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं।
शहर में गौ सेवा के लिए अनुराग दुबे का नाम-जाना पहचाना है। इनके टीम के द्वारा कई वर्षों से शहर क्षेत्र में गौ वंशों की सेवा करने का पुनीत कार्य शुरू हुआ था जो आज भी उसी गति से चल रहा है। आर्थिक कठिनाईयों के बीच में भी गौ सेवा के प्रति जुड़े रहे।
अपेक्षित सहयोग प्रशासन का नहीं मिलने के बावजूद गौ रक्षा वाहिनी के पदाधिकारियों के द्वारा मिलजुलकर गौ सेवा में जुटे हुए हैं।
अनेक बार ऐसा हुआ है जब नगरपालिका से मृत गायों के अंतिम संस्कार के लिए जेसीबी की मांग की जाती रही तो खराब होने की सूचना मिलती जिसके बाद अपने टीम के सहयोग से अंतिम संस्कार का कार्य संपन्न कराते। गौ सेवा वाहनी के पदाधिकारियों व टीम के द्वारा तन मन व धन से नि:स्वास्थ्य भाव से गौ वंशों की सेवा में जुटे हुए हैं।
यहां यह कहना गलत न होगा कि जितनी चिंता पशु पालकों को नहीं रहती उतनी चिंता गौ रक्षा वाहिनी के पदाधिकारियों की रहती है। निश्चित ही यह गौ सेवा के प्रति समर्पण के भाव को बताता है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों गौ रक्षा वाहिनी के पदाधिकारियों के द्वारा आवारा पशुओं के गले में रेडियम बेल्ट बांधा गया ताकि गौ वंशों को दुर्घटना से बचाया जा सके। गौ वंशों के गले में रेडियम पट्टी लगे होने से रात्रि के दौरान जब गौ वंश सडक़ों पर रहते हैं तो वाहन की लाईट में दूर से ही चमक दिखाई देती है जिससे कि वाहन चालक सतर्क हो जाता है। खास बात यह है कि उक्त कार्य के लिए किसी तरह की सहयोग किसी ने नहीं बल्कि टीम के सदस्यों के सहयोग के द्वारा किया गया। गौ रक्षा वाहिनी के जिला अध्यक्ष अनुराग दुबेे का गौ सेवा के प्रति समर्पण कितना है इस बात को इसी से समझा जा सकता है कि अपने घर पर भी बीमार व घायल पशुओं को रखकर उपचार कराते हैं और तब तक सेवा करते हंै जब तक कि घायल या बीमार पशु ठीक न हो जाये। यही कारण है कि गौ रक्षा वाहिनी के द्वारा समाज में किये जा रहे सराहनीय कार्य की हर कोई दाद दे रहा है।
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