महासमुंद। सहकारी समिति कर्मचारियों की आज से शुरू हुई अनिश्चितकालीन आंदोलन के पहले दिन ही सोसाइटी में खाद-बीज लेने पहुंचे किसानों को खाली हाथी वापस लौटना पड़ा। मुख्यालय स्थित पिटियाझर सोसाइटी सहित अन्य सोसाइटियों में खाद-बीज लेने के लिए पहुंचे किसानों ने बताया कि सोसाइटियों की हड़ताल के संबंध में उन्हें कुछ जानकारी नहीं थी।
उन्होंने खाद के लिए मांग कर रखी थी जिसके अनुसार वह खाद बीज लेने पूर्व की भांति आज भी यहां पहुंचे हैं, लेकिन सोसाइटी के बाहर ताला लगा मिलने से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा। किसानों ने बताया कि हड़ताल पर गए सोसाइटी कर्मचारियों ने कोई सूचना भी चस्पा नहीं की है जिससे उन्हें आंदोलन की सही जानकारी नहीं मिल पाई है और वे खाद बीज लेने यहां पहुंच गए। ज्ञात हो कि नियमितीकरण एवं सातवें वेतनमान की मांग को लेकर जिले के 81 समितियों की प्रभारी लिपिक और कर्मचारियों सहित 700 से अधिक समिति कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं। जिससे आज जिले की सभी समितियों में तालाबंदी की स्थिति है।
बोआई के लिए सोसाइटी खुलने का इंतजार
सोसाइटी पहुंचे कुर्मीपारा के कृषक खोमन चंद्राकर, परसापाली के थनवार बरिहा और बुधारू यादव ने बताया कि वे फसल लगाने के लिए लगभग पूरी तैयारी कर चुके हैं। अब उन्हें खाद और बीज की ही आवश्यकता है लेकिन हड़ताल की वजह से अब उन्हें खाद बीज कब तक प्राप्त होगा उसे लेकर किसान चिंतित हैं। किसानों ने बताया कि खेती किसानी के शुरूआती समय में इस तरह से आंदोलन पर चले जाने से उन्हेें खुले बाजार में खाद-बीज लेने की मजबूरी हो गई है। जानकारी के मुताबिक खरीफ फसल के लिए सोसाइटियों में खाद-बीज की किल्लत की वजह से कई किसानों को खाद-बीज का वितरण नहीं हो पाया है। जिसे लेकर किसान पहले से परेशान है। अब सोसाइटियों के कर्मचारियों की हड़ताल में चले जाने से उनकी परेशानी और बढ़ गई है।
यह है मांगें
प्रदेश व्यापी आंदोलन के प्रथम चरण में 18 जून को रायपुर में प्रांतीय रैली निकालकर शासन को दो जुलाई तक समय दिया गया। मांगें पूरी नहीं होने की स्थिति में 2 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने निर्णय लिया गया। छग राज्य कर्मचारी का दर्जा दिए जाने, समान काम समान वेतन तथा सातवंा वेतनमान दिलाने आदि मांग शामिल हैं।
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