कोरबा। कटघोरा-पेंड्रा रोड में तिलईडांड के पास 13 घोड़े मृत अवस्था में मिले हैं। संभावना जताई जा रही है कि अवैध रूप से घोड़ों का परिवहन किए जाने के दौरान दम घुटने से मौत हो जाने की बाद घोड़ों को जंगल में फेंककर तस्कर भाग खड़े हुए। तीन दिन पहले मृत होने के कारण दुर्गंध उठने पर राह चलते लोगों का ध्यान इस ओर गया। बीमारी फैलने की आशंका पर वन विभाग ने मृत घोड़ों को दफ ना दिया है।
मुख्य मार्ग में तिलईडांड और लोकड़हा गांव के बीच सडक़ से करीब 20 मीटर दूर जंगल में मृत घोड़ों को देखा गया। चार अलग-अलग स्थानों में कुल 13 मृत घोड़े देख क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पहले तो आकाशीय बिजली गिरने या जहरीला पदार्थ खाने की वजह से घोड़ों की एक साथ मौत होने की आशंका हुई।
मामले की जानकारी पसान वन परिक्षेत्र के रेंजर एनसी शुक्ला को दी गई। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम का मानना है कि करीब तीन दिन पहले घोड़ों की मौत हुई है, इसका अंदाजा शव की दशा व उससे उठने वाली दुर्गंध से लगाया जा रहा। आसपास में रहने वाले किसी भी व्यक्ति के पास इतनी संख्या में घोड़े नहीं है। इसके साथ ही यह बात स्पष्ट हो गई है कि किसी दुर्घटना या किसी साजिश से घोड़ों की मौत नहीं हुई है, बल्कि मौत के बाद उन्हें सडक़ किनारे जंगल में फेंका गया है।
इस तरह के मामले अक्सर अवैध रूप से पशु परिवहन के दौरान सामने आते हैं। अंदेशा है कि यह भी कुछ इसी तरह का मामला है। फिलहाल वन विभाग ने मृत घोड़ों का सहायक शल्य पशु चिकित्सक सरिता सिंह से पोस्टमार्टम कराने के बाद जेसीबी से गड्ढा कर दफ न करा दिया है। ग्रामीणों में चर्चा रही कि घोड़ों को पेंड्रा ले जाने के दौरान यह घटना हुई है।
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