चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। पुलिस कर्मियों को वर्षो पुराने से लागू भत्ते प्रदान आज भी किये जा रहे हैं। साथ ही 24 घंटे ड्यूटी करने के बाद भी वेतन पर्याप्त वेतन नही दिया जा रहा है। जिससे क्षुब्ध होकर पुलिस परिवारों ने बुधवार को धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर कोरिया को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर पीसीसी सदस्य गुलाब कमरों के साथ बैकुंठपुर जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी बिहारी राजवाड़े, मनीलाल राजवाड़े, गणेश राजवाड़े, विजय सिंह ठाकुर, अखिल भारतीय असंगठित कामगार कांग्रेस के नीलेश पांडेय उपस्थित थे।
इस से पहले पुलिस अधीक्षक को मामले की भनक लगते ही सोमवार की शाम पुलिस लाइन पहुंच कर पुलिस कर्मियों को समझाइश दी गई, दूसरे दिन मंगलवार पुलिस विभाग के आला अधिकारियों ने देर रात पुलिस कर्मियों के परिजनो से मुलाकात कर मामले को आगे ना बढ़ाने की हिदायत दी, बुधवार की सुबह से पुलिस लाइन में विभाग की एक आला अधिकारी कोई रैली में ना जा पाए इसके लिए घंटो बाहर तैनात रही, परिजनों को हर संभव दबाव बनाया गया कि रैली में कोई नही जाए। बावजूद इसके काफी संख्या में परिजन कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
पीसीसी सदस्य गुलाब कमरों के कहा कि जवान 24 घंटे का काम करते है। बारिश ठंड आंधी में जवान हर कहीं मुस्तैद नजऱ आते है ऐसे में प्रशासन उनकी मांगों को लेकर उन्हें रोकने का प्रयास भी किया जिसकी मैं निंदा करता हूँ और मांगों का समर्थन करता हंू।
इस संबंध में जोगी कांग्रेस के बैकुंठपुर के प्रत्याशी बिहारी राजवाड़े का कहना है कि पुलिस जवान जिल्लत की जिंदगी जीने को मजबूर है, सुविधाओं पर राज्य सरकार ने कभी धयान नही दिया, मांगो पर सरकार विचार करते हुए मांग पूरी करे।
इसके अलावा युवा नेता नीलेश पांडेय का कहना है कि जो 60 में नही हुआ वो पहली बार देखने मे आया है। पुलिस जवानों का दर्द संरकार को समझना चाहिए।
गत 20 जून को इसकी तैयारी के पूर्व ही सुबह से पुलिस लाईन के मुख्य द्वार पर लोगों के आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था साथ ही मुख्य गेट पर पुलिस बल तैनात कर दिये गयें थे। जिससे कि प्रस्तावित धरना प्रदर्शन को रोका जा सके।
पूर्वान्ह तक पुलिस लाईन से ऐसी किसी तरह की हलचल तेज नही हुई थी। उल्लेखनीय है कि पहली बार पुलिस व परिवार के द्वारा द्वारा सरकार के नीतियों के खिलाफ खुलकर आवाज बुलंद करने का ऐलान किया गया। अनुशासन वाले पुलिस विभाग में प्रदेश में कोई संगठन नही बना हुआ है जबकि देश के कुछ राज्यों में पुलिस एसोसिएशन गठित की गयी है। लेकिन बिना एसोसिएशन के पुलिस व परिवार मिल रहे भत्तों एवं वेतन को लेकर खुलकर सोशल मीडिया में आवाज बुलंद कर रहे है। अपनी स्थिति को सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार तक पहुॅचाने की कोशिश कर रहे है और इसमें सफल भी रहे है। वही गत दिवस प्रदेश के गृह मंत्री के उस बयान के बाद पुलिस कर्मी भडक गये है जब गृह मंत्री ने कहा था कि पुलिस कर्मियों को पर्याप्त वेतन दिये जा रहे हैं।
यह भी देखे – पुलिस कर्मियों की सभी जरूरतों को संवेदनशीलता से पूरा कर रही सरकार : गृहमंत्री
Add Comment