रायपुर। जी हां…! यदि आप भी सोशल मीडिया के जरिये फ्रेण्डशिप करने का शौक रखते है तो जरा संभल कर फ्रेण्ड्स बनाए और फे्रण्डशिप भी करें तो अपनों से ही करे, अनजान से नहीं। यदि आप सोशल मीडिया पर अनजान व्यक्ति से दोस्ती भी करते हैं तो जरा सावधानी बरतें, जरा क्या… पूर्ण सावधानी बरतें। यदि आप जरा भी सावधानी नहीं बरते तो आपको भी इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। कुछ इसी तरह मामला राजधानी रायपुर मेें सामने आया है जिसमें पुलिस के हत्थे एक नाइजीरियन गिरोह चढ़ा है जो सोशल मीडिया के जरिए पहले दोस्ती कर उससे अपने प्रेमजाल में फंसाकर उनसे ब्लैकमेलिंग करना शुरू कर देते हैं। इसके जरिए इस गिरोह के सदस्य मोटी रकम वसूलने से भी बाज नहीं आते हैं।
कुछ इसी तरह की शिकायत विगत दिनों राजधानी रायपुर की एक युवती ने की थी। इसके बाद पुलिस ने जब जांच शुरू की तो कई चौंकाने वाले परिणाम सामने आये। इस दौरान यह पता चला कि यह गिरोह दिल्ली में बैठकर पूरा रैकेट संचालित करता था और इनका काम ही फेसबुक और सोशल साइट्स पर लड़कियां फांसना और फिर उनसे ब्लैकमेलिंग के जरिये पैसे ऐठने का होता था। इस रैकेट से जुड़े 4 आरोपियों को पुलिस ने धरदबोचा है। वहीं इनसे 10 लैपटॉप, 23 से ज्यादा मोबाइल और टेबलेट, 3 पासपोर्ट और काफी कैश भी बरामद किये हैं। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि 4 नाइजीरियन में से एक बिना पासपोर्ट के ही भारत में रह रहा था। आपकों बता दें कि अप्रैल महीने में एक महिला ने इस बात की शिकायत सिविल लाइन थाने में की थी, वेलेंसिया वार्ट नामक युवक की उससे व्हाट्सएप पर चैट हुई थी, जिसके बाद उसने फोटो और वीडियो लेकर उसे मोर्फ कर ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी। अभी तक वो 7 लाख रुपये उस व्यक्ति को दे चुकी है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने जब पड़ताल शुरू की, तो पता चला कि बैंक खाता और अन्य जानकारियां दिल्ली की है। इसके बाद पुलिस ने दिल्ली जाकर अपना जाल बिछाया आरोपियों को धरदबोचा।
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