कांकेर। दुनिया में तरह-तरह के प्राकृतिक जीव जंतु निवास करते हैं। कुछ इतने दिलचस्प होते हैं कि उनके गुण एक नई चेतना प्रदान करती हैं। गिलहरी भी उन जीवो में से एक है लेकिन गिलहरियों में अधिकांश गिलहरी पेड़ो के टहनियों में ही चलते नजऱ आते हैं। उडऩे वाले गिलहरी दुनिया के खास इलाको में गिने-चुने पाए गए हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर के कांकेर के रावघाट के जंगलों में उडऩे वाली गिलहरी देखी गई है। सर्चिंग पर निकले जवानों ने इस उडऩे वाली गिलहरी को अपने कैमरे में कैद किया है।
दुर्लभ प्रजाति की ये गिलहरी इंसानों से जल्द घुल मिल गई। जवानों ने गिलहरी को पानी पिलाया। और अपने पास रखे फल को भी खिलाया। इस बीच जवानों ने गिलहरी की फ ोटो भी खिचीं। इलाके के ग्रामीणों की माने तो 50 साल पहले इस तरह के उडऩे वाली गिलहरियां इस इलाके में पाई जाती थी। लेकिन ये गिलहरियां इस इलाके से गायब हो गई हैं। वन विभाग इस उडऩे वाली गिलहरी की खबर से काफी खुश है।
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