
कोरबा। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड बालको प्रबंधन ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अवधि तीन दिन बढ़ा दी है। अब 31 मार्च तक वीआर के लिए आवेदन लिए जाएंगे। अब तक 27 कर्मियों ने इस योजना का फार्म जमा किया। उधर वीआरएस लागू किए जाने के खिलाफ श्रमिक संगठन विरोध कर रहे हैं। बाल्को में कर्मियों के लिए प्रबंधन ने 22 मई को वीआर योजना लागू किया था। पहले आओ-पहले पाओ पद्धति के अनुसार कर्मियों को इस योजना के तहत तीन लाख रुपये जेस्टर बोनस तथा आवेदन करने वाले कर्मियों को 50 हजार रुपये अतिरिक्त देने के साथ ही सेवानिवृत्ति राहत राशि के रूप में 40 हजार रुपये देने का प्रावधान रखा गया है। प्रबंधन का कहना है कि कर्मियों के कार्य कौशल में समग्र रूप से सुधार लाने, दुर्घटना अथवा मेडिकल अनफिट, सेवानिवृत्ति की आयु पूर्ण होने से पहले सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को लिए यह स्कीम लागू की गई है। आकर्षक स्कीम होने के बाद भी निर्धारित अवधि सोमवार तक मात्र 27 लोगों ने ही आवेदन किया। कई कर्मी योजना के संदर्भ में पूरी जानकारी हासिल नहीं कर सके। उन कर्मियों की सुविधा के लिए प्रबंधन ने वीआर की अवधि तीन दिन के लिए बढ़ा दी है।
अब 31 मई तक आवेदन जमा किए जा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि विनिवेश के बाद बाल्को में अब तक छह बार वीआरएस लागू हो चुका है और लगभग दो हजार लोगों ने योजना का फायदा उठाया है। वर्तमान में सातवीं बार योजना लागू की गई है। दूसरी तरफ श्रमिक संघ प्रतिनिधि वीआर के खिलाफ अभियान चलाते हुए कर्मियों से आवेदन नहीं करने की अपील कर रहे हैं। सोमवार को बालको संयंत्र गेट के समक्ष में हाथ में तख्ती लेकर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर वीआर नहीं लेने की अपील की। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लागू किए जाने पर श्रमिक नेताओं का कहना है कि मैनपावर की कमी पहले से बनी हुई है, इसके बाद भी कर्मियों की छंटनी की जा रही है। इंटक ने सहायक श्रमायुक्त के समक्ष याचिका दायर की है, तो अन्य संगठन विरोध कर रहे हैं। सोमवार को अल्युमिनियम कामगार संघ ने प्लांट गेट के समक्ष तख्ती लेकर प्रदर्शन किया। संघ ने कर्मियों से कहा है कि दबाव में आकर वीआर न भरे, बल्कि प्रबंधन की नीति का विरोध करें।
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