चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। कोरिया जिले के भरतपुर सोनहत के कई गांव ऐसे में जहां आज भी मूलभूत सुविधाओं को अभाव है। इन गांवों में मवेशियों को अज्ञात बीमारी ने जकड़ लिया है, कई मवेशियों की मौत हो चुकी हैं। वहीं कई पहुंचविहीन गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण जीने को लाचार है। यहां के लोग पीने के पानी के लिए यहां वहां भटक रहे है। इस संबंध में कांग्रेस के पीसीसी सदस्य गुलाब कमरो का कहना है कि विकास को लेकर प्रदेश सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है, भरतपुर सोनहत विधानसभा के कई गांव आज भी विकास से कोसो दूर है, ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए यहां वहां भटकना पड़ रहा है। यहां के मवेशियों को गंभीर बीमारियों से निजात दिलानें सरकार किसी भी तरह के प्रयास नहीं कर रही है।
कोरिया जिले के भरतपुर तहसील के दूरस्थ क्षेत्र बडगांवखुर्द, खोखनिया, मोगरा के अलावा मप्र के सीधी से लगे गांव खोहरा, सरगुजिहापाठ, ढाब, चूल, पटासी गांवो में मूलभूत सुविधाओं को आभाव है। यहां के लोगों की सबसे बडी समस्या पीने के पानी की है, ग्रामीण नदी नालों और पोखरों के भरोसे पीने का पानी कोसो दूर से लाते है, इनके मवेशियों को पीने के पानी की बडी समस्या से जूझना पड़ रहा है। वहीं क्षेत्र में वन विभाग के द्वारा कराए गए कार्यो की कई सालों की मजदूरी बकाया, ग्रामीणों ने दौरे में पहुंचे पीसीसी सदस्य श्री कमरों को इसकी जानकारी दी। वहीं दूरस्थ ग्राम ढाब के ग्रामीणों को उचित मृल्य की दुकान से राशन नहीं मिल रहा है। इसकी शिकायत उन्होंने कई बार प्रशासन को भी की है। वहीं बडगांवखुर्द में 5 हैंडपंप खराब है, जबकि इसकी जानकारी जिला स्तरीय शिविर में बताया गया था, परन्तु यहां पदस्थ इंजीनियर ग्रामीणों की सुनने को तैयार नही है। इसी तरह ग्राम नेरूआ का आश्रित ग्राम करचा में बिजली लगाने के पोल गिराए गए, परन्तु बिना लगाए ठेकेदार खंभों को वापस ले जा रहा था, जिसके बाद ग्रामीणों ने विरोध किया। मौके पर पहुंचे गुलाब कमरों ने एसडीएम से चर्चा की और बिजली के खंभों को वापस जाने से रोका गया। ग्रामीणों का कहना है कि एक तो सालों से बिजली नहीं है, पोल गिरे है तो आशा बंधी है कि बिजली आएगी, उसे भी ले जाया जा रहा है। दूसरी ओर दूरस्थ क्षेत्रों के गांव तक पहुंचना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है। हर गांव तक पहुंचने की सड़कें पूरी तरह से बदहाल है।
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