रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज कहा कि छत्तीसगढ़ का जांजगीर-चाम्पा जिला ऋषि संस्कृति और कृषि संस्कृति के साथ नई औद्योगिक संभावनाओं का भी संगम स्थल है। जिन्हें विकास देखना हो, वे एक बार जांजगीर-चाम्पा जिले को देखें, जहां खेती के लिए 82 प्रतिशत से ज्यादा सिंचाई क्षमता निर्मित हो चुकी है। कृषि उत्पादन में भी यह जिला अग्रणी है। डॉ. सिंह ने दोपहर जिले के विकासखंड मुख्यालय बम्हनीडीह में विकास यात्रा के दौरान एक विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने इस अवसर पर जिले के विकास के लिए लगभग 302 करोड़ रूपए के 27 निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इसके साथ ही उन्होंने जिले के लगभग एक लाख 32 हजार किसानों को विगत वर्ष के धान बोनस के रूप में 200 करोड़ रूपए की धन राशि ऑन लाइन जारी करते हुए उनके बैंक खातों में जमा कर दी। मुख्यमंत्री ने आम सभा में हसदेव नदी में बम्हनीडीह – दहिदा मार्ग पर पुल निर्माण की मांग मंजूर करने की घोषणा करते हुए कहा कि इसके लिए प्राक्कलन बनवाकर इसे आगामी बजट में शामिल कर लिया जाएगा। इससे बम्हनीडीह और नवागढ़ के बीच आवागमन आसान हो जाएगा।
डॉ. सिंह ने आमसभा स्थल (खेल मैदान) को एक अच्छे स्टेडियम के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की। नवतपे के चौथे दिन तेज धूप और भीषण गर्मी के बावजूद हजारों की संख्या में किसानों, मजदूरों और ग्रामीणों की उपस्थिति पर मुख्यमंत्री ने उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस महीने की बारह तारीख से चल रही प्रदेश व्यापी विकास यात्रा के विभिन्न पड़ावों में उमड़ते भारी जनसैलाब का जिक्र करते हुए कहा – विकास यात्रा अब जनता के विश्वास की यात्रा में बदलती जा रही है। मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में राजा जाज्वल्य देव का उल्लेख करते हुए कहा- हसदेव नदी के तट पर स्थित जांजगीर-चाम्पा ऐतिहासिक धरोहरों और सांस्कृतिक परम्पराओं का भी जिला है। डॉ. सिंह ने अपने भाषण में जिले के अनेक प्राचीन मंदिरों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा – इस जिले को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बैरिस्टर छेदीलाल और साहित्य मनीषी पंडित मुकुटधर पाण्डेय और पंडित लोचन प्रसाद पाण्डेय की कर्मभूमि होने का भी गौरव मिला है।
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