नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पास पैसों की भारी कमी हो गई है। राहुल गांधी की अध्यक्षतावाली पार्टी के पास नकदी का संकट इतना गहराया गया है कि उसने अपने कई खर्चों में कटौती कर दी है। घोर वित्तीय संकट से उबरने के लिए पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में क्राउड फंडिंग का सहारा लेगी। पार्टी ने अपने खर्चों में कटौती करने के लिए पिछले पांच महीनों से देश के विभिन्न राज्यों में भेजे जाने वाले फंड पर रोक लगा रखी है, जिसका उपयोग रोजाना के खर्चों को पूरा करने में किया जाता था। अब पार्टी ने अपने सभी सदस्यों से कहा है कि वो खर्चों में कटौती करें और सदस्यों से ज्यादा से ज्यादा दान लें। ऐसा बताया जा रहा है कि पार्टी को बड़ी कंपनियां पैसा चंदे के तौर पर देते थे,
लेकिन कंपनियों से मिलने वाला चंदा बंद हो गया है या उसमें कमी आ गई है। कांग्रेस की सोशल मीडिया डिपार्टमेंट की प्रमुख दिव्या स्पंदना ने कहा कि उनके पास पैसा नहीं है, इसलिए अब ऑनलाइन डोनेशन व क्राउड सोर्सिंग के जरिए पैसा इकठ्ठा किया जाएगा। पार्टी के पास केवल दो बड़े राज्यों में सरकारें है, जो कि 2013 में 15 राज्यों में थी। कांग्रेस की राज्यों में सरकार नहीं होने के कारण अब बड़े उद्योगपतियों ने भी पार्टी से किनारा कर लिया है। कांग्रेस के पास उतना भी पैसा नहीं बचा है, जितना अन्य दलों के पास है, जिनकी कुछ राज्यों में सरकारें हैं।
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