नई दिल्ली। सोशल मीडिया नेटवर्क पर चाइल्ड पॉर्न और रेप विडियो रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कई सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर जुर्माना लगाया है। याहू, फेसबुक आयरलैंड, फेसबुक इंडिया, गूगल इंडिया और माइक्रोसॉफ्ट और वॉट्सऐप पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस उमेश ललित की बेंच ने 16 मई को यह फैसला दिया। सोशल मीडिया साइट्स पर ऐसे आपत्तिजनक विडियो के प्रसारण को लेकर कई ऑनलाइन शिकायतों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह फैसला दिया। 2 जजों की बेंच ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स को आदेश दिया कि हिंसक सेक्स विडियो और चाइल्ड पॉर्न के प्रसारण रोकने के लिए कौन से कदम साइट्स उठा रही हैं, इसकी जानकारी दें।
बेंच ने कहा, इनमें से किसी भी साइट ने अब तक इस दिशा में कोई प्रगति की है और न ही इनमें से कोई भी संगठन अब तक हमारे निर्देश के अनुसार कोई कार्रवाई कर रहा है। कोर्ट ने 15 जून तक का समय विभिन्न कंपनियों को जवाब दाखिल करने के लिए दिया। बेंच ने कहा, इन कंपनियों की तरफ से दायर शपथ पत्र को रजिस्ट्री स्वीकार करेगी और इसके साथ ही 1 लाख रुपए का फाइन भी इन्हें देना होगा, जिसका छोटी अवधि के लिए फिक्स डिपॉजिट कर दिया जाएगा। एनजीओ प्राजवाला की तरफ से दायर शिकायत की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला किया। अडिशनल सलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने सरकार की तरफ से इस दिशा में उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी कोर्ट को दी। सरकार की तरफ से दायर जवाब में कहा गया कि हर राज्य में साइबर पुलिस यूनिट का गठन किया गया है, ताकि चाइल्ड पॉर्न और रेप विडियो के खिलाफ हम सख्ती से कदम उठाएं।
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