बीजापुर लिंगायत डिस्ट्रिक्ट एजुकेशनल एसोसिएशन (बीएलडीईए) के प्रेसीडेंट डॉ. एमबी पाटिल द्वारा विगत वर्ष दिनांक 10 जुलाई 2017 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की तात्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को पत्र लिखा गया था। श्रीमती गांधी को लिखे पत्र में डॉ. पाटिल द्वारा कहा गया था कि आपके सलाह के अनुसार हमने लिंगायत समाज से आने वाले कुछ मंत्रियों के साथ ग्लोबल क्रिश्चयन कौंसिल एवं वल्र्ड इस्लामिक एसोसिएशन के कुछ प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में यह बात निकल कर सामने आई कि कर्नाटक में भाजपा और आरएसएस का वर्चस्व बढ़ रहा है जिसे रोकना बहुत जरूरी है। इसके लिए प्राथमिक तौर पर कांग्रेस के परंपरागत वोटर ईसाई और मुस्लिम समाज को एकजुट करने के साथ उन्हें विश्वास में भी लेना होगा। इसके अलावा भाजपा का वोट बैंक जिसमें ज्यादातर हिंदू समाज के लोग आते हैं उन्हें जातियों के आधार पर तोड़कर उनकी शक्ति को कमजोर किया जाए। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर इस तरह की रणनीति बनाई जा रही है। साथ ही कर्नाटक में लिंगायत समाज को भी एकजुट करने का भरसक प्रयास किया जाए।
इसके लिए सबसे पहले समाज से जुड़े पांच गुरुओं के जरिए लिंगायत बहुल विधानसभाओं में सभा हो जिसमें समाज के गुरु लोगों को यह समझाएं कि लिंगायत समाज को अलग धर्म का दर्जा मिलना चाहिए और अल्पसंख्यक की सारी सुविधाएं भी। आरएसएस हमेशा से हिंदू राष्ट्र की बात करती रही है जबकि हमें लिंगायतों को यह समझाना है कि लिंगायत हिंदू नहीं है अगर यह बात लिंगायत समाज को समझ आ गई तो बीजेपी का एक बड़ा वोट बैंक खिसक सकता है जिसमें से कांग्रेस 10 से 15 फीसदी लिंगायत वोटों को अपनी ओर कर ले तो अल्प संख्यक, पिछड़ा वर्ग आदि के सहयोग से कांग्रेस कर्नाटक पर राज कर सकती है। इस मिशन को पूरा करने में ग्लोबल क्रिश्चयन कौंसिल एवं वल्र्ड इस्लामिक आर्गेनाइजेशन अपनी पूरी क्षमता से हमारी मदद करेगी व विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम कराने के लिए आर्थिक सहयोग भी देगी। इस मिशन में कांग्रेसी कार्यकर्ता भी सहयोगी के रूप में भाग लें। अगर इस तरह की रणनीति बनाकर आगे बढ़ा जाए तो कर्नाटक की सत्ता पर काबिज हो सकते हैं।
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