चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। कोरिया जिले में दूघ को लेकर मारामारी जारी है। यहां पशु विभाग द्वारा चलाई जा रही डेयरी सरकार ने बंद करा दी, फिर जिला प्रशासन ने डीएमएफ से डेयरी शुरू की, तो विभागीय मंत्री ने डेयरी दुग्ध महांसघ को दे डाली और दुग्ध महासंघ बग डेयरी में ताला लगा काम बंद कर दिया है। इधर मिलावटी दूघ का कारोबार चरम पर है। जिसकी जांच करने वाला कोई नहीं है। लोगों को बिना जांच बेहर खराब गुणवत्ता के दूध पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार बीते कई माह से छग राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मर्यादित द्वारा संचालित डेयरी पूरी तरह बंद हो चुकी है। इससे पहले डेयरी से पटना, कुडेली बैकुंठपुर के दूग्ध उत्पादक दूघ लाकर देते थे जिसके बाद उसे कालरी क्षेत्र सहित जिले भर में देवभोग के नाम से विक्रय किया जाता था।
इसके बंद होने से बाजार में दूध बिकने आने लगा, परन्तु मिलावटी और बेहद खराब गुणवत्ता होने के कारण लोगों को खासी परेशानी हो रही है, दूध विक्रेता मनमाने दाम पर दूघ बेच रहे है, उन पर किसी भी तरह का सरकारी दबाव नहीं है और ना ही दूध की जांच को लेकर किसी भी प्रकार की सरकारी जांच दल का गठन किया गया है। जिसके कारण इनके हौसले बुलंद हैं। वहीं कुछ ही निजी डेयरी है जिनमें कुछ हद तक दूध की गुणवत्ता ठीक रहती है। परन्तु इन डेयरी में मिलने वाले दूध के दामों पर किसी भी तरह का सरकारी नियंत्रण नहीं है।
अभी तक डेयरी में हुआ क्या
पशु विभाग से जुडी डेयरी विकास के अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा प्रेमाबाग में डेयरी विकास परियोजना के तहत डेयरी की शुरूआत की गई। जिसके कुछ वर्ष बाद ही राज्य सरकार ने बंद कर यहां पदस्थ अधिकारियो कर्मचारियों को पशु विभाग में मर्ज कर दिया, जिसके बाद वर्ष 2014 में तत्कालीन कलेक्टर ने मुख्यमंत्री के द्वारा इसे पुन: शुरू करवाया, जिसमें अमृतधारा नाम से दूध का विक्रय शुरू किया गया, लाखों रुपएडीएमएफ से इस कार्य के लिए स्वीकृत किए गए, उमझर, झुमका सहित कई स्थानों पर बडी मात्रा में अच्छे नस्ल की गायों की खरीदी की गई, डेयरी के लिए भवन व शेड निर्माण करवाया गया, बमुश्किल एक साल सब कुछ ठीक ठाक चला, कि एक दिन दौरे पर विभागीय मंत्री पहुंचें, उन्हेें इसकी जानकारी दी गई, जिस पर उन्होने नाराजगी व्यक्त की और छग दुग्ध महासंघ को उक्त डेयरी का नियंत्रण सौंप दिया गया। संघ के पदाधिकारी सहित कर्मचारियों ने डेयरी को टेकओवर कर लिया, एक साल जैसे तैसे इसका संचालन किया और डेयरी में ताला लगाकर वो भी चले गए, इधर, अब दोनों ब्रांड अमृत धारा और देवभोग दूध पूरी तरह से कोरिया में बंद हो गया।
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