
चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। कोरिया जिलामुख्यालय स्थित लघु सिचाई परियोजना झुमका के टूट गेट को गोताखोरों की मदद से बनवाने अम्बिकापुर ले जाया गया है। इधर, बीते एक सप्ताह से झुमका का पानी पूरी भरी कैनाल बह रहा है, झुमका में एसईसीएल सब एरिया चरचा कालरी से बिना ट्रीट किए आने वाले काला और एसिडीक पानी अब नहरों में बहता नजर आ रहा है, जिससे किसान बेहद परेशान हैं।
इसस संबंध में ईएंडएम अम्बिकापुर के एसडीओ श्री खलखों ने बताया कि गेट के मरम्मत का कार्य जारी है। कम से कम 10 दिन और लगेगा, गेाताखोरों को यही और जगह पर काम में लगा कर व्यस्त रखा गया है। झुमका के बाद गेज के गेट के मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा।
दरअसल, द खबरीलाल ने खबर का प्रमुखता से प्रकाशन कर बताया था कि जिला मुख्यालय बैकुंठपुर स्थित लघु सिचाई परियोजना झुमका और गेज दोनों के गेट वर्षों से टूटे पड़े हैं और पानी व्यर्थ बह रहा है, जिसके बाद रायपुर के विभागीय सचिव ने अधीक्षण अभियंता अम्बिकापुर को गेट की मरम्मत के लिए भेजा, परन्तु उन्होंने पहुंच कर गेट की मरम्मत किए बिना उसे गिरवा दिया, जिससे पानी तो बंद हो गया, परन्तु गेट पूरी तरह बंद हो गया।
द खबरीलाल ने इस बात का खबर में उल्लेख किया था कि अब बिना गोताखोरों के गेट को नहीं सुधारा जा सकता है। जिस विभागीय सचिव की फटकार के बाद गोताखोरों को झुमका लाया गया और गिरे गेट को बाहर निकलवाया गया। गेट को सुधारने का काम अम्बिकापुर के ईएंडएम एसडीओ को सौपा गया, चूंकि बैकुंठपुर ईएंडएम के एसडीओ महिने में सिर्फ टीएल मीटिंग के दिन मंगलवार को एक दो घंटे के लिए अपने कार्यालय आते हैं, बाकी समय वो बिलासपुर में ही रहते हंै, जिसके कारण गेटों की मरम्मत भगवान भरोसे है। यही कारण है कोरिया जिले में 102 डेमों में से 81 डेमों के गेट पूरी तरह से खराब और टूटे पडे हैं। इस समस्या को देखते हुए विभाग ने झुमका के गेट की मरम्मत के लिए अम्बिकापुर के ईएंडएम विभाग के एसडीओ को इसका काम सौपा, वहीं गोताखोरों को लेकर झुमका पहुंचे एसडीओ ने गेटों की मरम्मत को लेकर काम शुरू कर दिया है।
पुरी से आए गोताखोर
द खबरीलाल की खबर के बाद उडीसा के पुरी से 6 सदस्यी गोताखोरों का दल बैकुंठपुर पहुंचा, पहले झुमका में उतर कर गेट को बाहर लाया गया, उसके बाद गोताखोरों ने फौरी तौर पर पानी ज्यादा ना बहे ऐसी व्यवस्था की गई, परन्तु पानी का बहाव ज्यादा होने के कारण अब झुमका से काफी ज्यादा मात्रा मेे पानी बहने लगा है।
एसिडिक पानी से झुमका बदहाल
एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र के सब एरिया चरचा कालरी से लगातार निकालने वाला एसिडीक पानी झुमका नाले से झुमका में आता है, ये बीते 10 वर्ष से ज्यादा समय से जारी है। वर्तमान कलेक्टर ने नागपुर की संस्था को पानी को ट्रीट करने के लिए बुलवाया भी था, पर ये काम कालरी प्रबंधन का है, सर्वविदित है कि चरचा कालरी स्थित रेवा कम्पनी का बनवाया ट्रीटमेंट प्लाट पूरी तरह से वर्षों से बंद पड़ा है। कालरी प्रबंधन लगातार इसे नकारता रहा है। इधर, उसके एसिडिक पानी से झुमका में मछलियां अब नही के बराबर बची है, वहीं किसानों के खेत बंजर होते जा रहे हैं। जिसे लेकर कालरी प्रबंधन बिल्कुल कुछ भी करने को तैयार नहीं है। दूसरी सिंचाई विभाग के अधिकारी पानी की कमी होने के लेकर आश्वस्त है उन्हें पता है कि हजारों गैलन कालरी का पानी से झुमका हमेशा भरा दिखाई देगा, परन्तु अब झुमका का पानी निकल जाने के बाद असलीयत समाने आई है, नहरों में बहने वाला पानी एकदम काला नजर आ रहा है और रोज नहाने वालों को अब जलन की शिकायत भी सामने आ रही है।
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