लुधियाना। एक प्रेमी जोड़े ने गांव से भागकर शादी कर ली। इससे नाराज पंचायत द्वारा गांव में प्रेम विवाह पर प्रतिबंध लगा दिया गया। पंचायत की नाराजगी यही तक नहीं रही वरन दोनों के परिवार का भी सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला सुना दिया गया। इसके साथ ही फैसले से संबंधित पर्चे स्थानीय बस अड्डे और प्रेमी जोड़ों के घरों के कुछ दुरी पर ही लगा दिये गए।
यह मामला पंजाब के दोराहा के चणकोइयां खुर्द गांव का है जहां ग्राम पंचायत, स्थानीय गुरुद्वारा समिति और गांव के स्पोट्र्स क्लब ने विगत 29 अप्रैल को एक रेजॉलूशन पर दस्तखत किए, जिसमें प्रेम विवाह पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसमें कहा गया कि अगर कोई लड़का-लड़की अपनी मर्जी से शादी करते हैं तो गांव उनका सामाजिक बहिष्कार कर देगा। अगर उनके परिवार उनसे नाता रखते हैं तो उनका भी बहिष्कार कर दिया जाएगा। कार्यकारी सरपंच हकम सिंह का कहना है कि यह कोई फरमान नहीं है क्योंकि इसे पूरे गांव ने मिलकर पारित किया है।
उन्होंने कहा कि लड़की के दादा और परिजन उसके शादी करने के बाद पंचायत के पास पहुंचे थे और चेताया था कि अगर ऐसा रेजॉलूशन पारित नहीं किया जाएगा तो वे खुद को आग लगा लेंगे। उनका यह भी कहना है कि यह फैसला खाप पंचायत जैसा नहीं है लेकिन इसे आसपास के लोगों के बीच शादी रोकने के लिए लिया गया है।
उन्होंने दावा किया कि यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन नहीं है क्योंकि गांव वाले किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। वहीं इस बारे में गांव के कई लोगों का कहना है कि ऐसा फैसला गांव में लागू करना संभव नहीं है। उनका कहना है कि गांव में सब लोग मिल-जुलकर रहते हैं। बताया गया है कि इससे पहले 6 जोड़े प्रेम विवाह कर चुके हैं लेकिन हर बार परिवारों की सहमति से ऐसा किया गया। इस बार परिवार ने जोड़े को इजाजत नहीं दी।
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