नई दिल्ली। मई के पहले हफ्ते की शुरुआत में भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी अनुमान के मुताबिक 1 मई से 4 मई के दौरान पूर्वी भारत और उत्तर-पूर्वी भारत में तूफान की स्थिति बनेगी लेकिन इस अनुमान में राजस्थान समेत उत्तर भारत में किसी तरह के कम दबाव के क्षेत्र बनने, तूफान आने या पानी बरसने की संभावना का जिक्र नहीं किया गया. क्या प्री-मानसून लक्षणों को पकडऩे में एक बार फिर देश के मौसम विभाग का साइंस फेल हो गया?
भारतीय मौसम विभाग के अनुमान के अलावा देश की प्रमुख निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने मई पहले हफ्ते का मौसम अनुमान 1 मई को जारी किया था। स्काईमेट अनुमान के मुताबिक देश के उत्तर-पश्चिम इलाके में 1 मई तक कुछ जगहों पर धूल भरी आंधी देखने को मिलेगी वहीं 2 मई के बाद प्री-मानसून एक बार फिर शुरू होंगी.
इस प्री-मानसून के दौरान 2 मई से पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में प्री-मानसून गतिविधियां देखने को मिलेगी। स्काईमेट के मुताबिक इस दौरान भारत पर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस भी देखने को मिलेगा जिसके चलते जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में तेज बारिश और आंधी-तूफान देखने को मिलेगा।
स्काईमेट के चीफ मीटीओरॉलोजिस्ट महेश पालावत के मुताबिक कि बुधवार को देश के उत्तरी भाग में 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक का तूफान देखा गया. यह तूफान उत्तर भारत में दो जगहों पर कम दबाव के क्षेत्र के चलते आया. दोनों वेस्टर्न डिस्टर्बैंस और प्री- मानसून कारणों से यह बदलाव दर्ज हुआ है।
वहीं एनसीआर के कुछ भागों में तेज तूफान के साथ अच्छी बारिश और एनसीआर के अन्य हिस्सों में बारिश नहीं पहुंचने के पीछे महेश पालावत ने कहा कि ऐसा उत्तर भारत में दो जगहों पर कम दबाव की स्थिति के कारण हुआ है. पहली स्थिति पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बनी जिसके चलते तेज एनसीआर में तेज तूफान देखने को मिला वहीं दूसरा कम दबाव का क्षेत्र पंजाब और हरियाणा के क्षेत्र में बना जिससे एनसीआर के एक हिस्से में तूफान के साथ-साथ अच्छी बारिश भी देखने को मिली है. पालावत ने कहा कि 3 और 4 मई के दौरान भी यह दबाव का क्षेत्र कायम है लेकिन तेज आंधी- तूफान की संभावना कम है।
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