मरकाम द्वारा विधान सभा में उठाए गए डीएफएम फंड दुरुपयोग के सवाल पर मुख्यमंत्री मौन क्यों: ओपी चौधरी…

रायगढ़। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल को पत्र लिखे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चिट्ठियां लिखने की बजाय पहले आप चिट्ठियों का जवाब दें।
साढ़े चार साल सिर्फ खत लिखकर गुजारने वाले सूबे के मुखिया भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ केभाई-बहनों के हितों के लिए कुछ भी कर पाने में असफल रहे।
अपनी असफलताओं को छुपाने “ब्लेम गेम” कर केंद्र को बार बार चिट्ठी लिखना उनकी कार्यशैली बन गई है। चिट्ठियों की बजाय प्रदेश की जनता आपकी साढ़े चार साल की उपलब्धियां जानना चाहती है।
ओपी ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार घुमा फिराकर केंद्र में आरोप मढ़ते रहती है। नेता प्रतिपक्ष को पत्र लिखने की बजाय प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से यह जानना चाहती है कि उनके सरकार के मंत्री टीएस सिहदेव ने आपको पत्र लिखते हुए इस्तीफा दिया था, अपनी सरकार के मंत्री का जवाब देकर इस्तीफा वापस लेकर मंत्री सिंहदेव की सलाह पर भी अमल किया होता तो प्रदेश के 16 लाख गरीबों के आवास के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया होता।
आपकी सरकार के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा तात्कालिक कलेक्टर के अनियमितताओं का मामला उठाते हुए पत्र लिखा था।
विभागीय मंत्री द्वारा लिखे पत्र पर भ्रष्टाचार करने वाले जिलाधीश पर कार्यवाही कर करारा जवाब देने की बजाय आप आज तक मौन क्यों रहे? इसका जवाब भी जनता जानना चाहती है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा विधानसभा में डीएमएफ फंड के दुरुपयोग का मामला प्रश्न काल के जोर शोर से उठाया गया, उसका जवाब देने की बजाय प्रदेश अध्यक्ष को हटाने के लिए दिल्ली में डेरा डाल कर बैठ गए।
प्रदेश की जनता यह समझ चुकी है कि सरकार के सरक्षण में सुनियोजित भ्रष्टाचार फल फूल रहा। पार्टी के मंत्रियों द्वारा ध्यानाकर्षण कराए जाने के बावजूद कार्यवाही की बजाय उन्हें बचाए जाने से आम जनता में सरकार की छवि धूमिल हो रही है।
चिट्ठियों की बजाय प्रदेश की जनता आपकी साढ़े चार साल की उपलब्धियां जानना चाहती है।