मंत्री के आश्वासन के बाद भी नहीं खुल पाया एक महीने से बंद पड़ा रेलवे आरक्षण केंद्र, लोगों में आक्रोश, कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा

चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में जिला जेल के सामने रेल्वे द्वारा शुरू की गई शहरी रेल्वे आरक्षण केंद्र पिछले एक माह से बंद है। परन्तु जनप्रतिनिधियों की बेरूखी के कारण इसे फिर शुरू करने की दिशा में कोई प्रयास भी नहीं किया जा रहा है। प्रशासन से मामले की शिकायत करने पर सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। दूसरी ओर लोगों को हो रही परेशानियों को देखते हुए शहर के सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह (छोटू), नीरज पांडे, मनोज आयाम, रिचेश सिंह, प्रभात राजवाड़े, महेश राजवाडे, प्रवीण तिवारी, मनोज वर्मा, आयुष नामदेव, आशीष यादव, विमल राजवाडे, बिट्टू मिश्रा, अरुण जैन और राहुल सिंह ने बुधवार 25 अपै्रल को कलेक्टर कोरिया को ज्ञापन सौपकर अतिशीघ्र बंद पडे शहरी रेल्वे आरक्षण केंद्र को खोले जाने की मांग की। इसकी प्रतिलिपि डीआरएम सहित देश के रेल मंत्री को भी भेजी है। सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह (छोटू) का कहना है कि शहर में संचालित रेल्वे आरक्षण केंद्र का लाभ शहर वासियों के साथ साथ आसपास के कई लोगों को मिलता था। जिसे बिना किसी ठोस कारण के बंद कर दिये जाने से लोगों को इस दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि जल्द ही शहरी रेल्वे आरक्षण केंद्र को शुरू नहीं किया गया तो जनहित में बड़ा आंदोलन भी किया जायेगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। इधर, गर्मी में छुट्टियों दौर स्कूलों में होने के कारण कई परिवार यहां वहां छुट्टियों के दौरान आन-जाना करते हैं। इसके अलावा वैवाहिक सीजन के चलते लोगों का आना जाना विभिन्न जगहों के लिए बढ़ गया है ऐसे में रेल्वे रिजर्वेशन के लिए लोगों को चरचा कॉलरी जाना पडता है। यदि शहर में खोली गयी रेल्वे आरक्षण केंद्र को पुन: शुरू कर दिया जाता है तो इसका लाभ क्षेत्र के लोगो मिल सकेगा।
मंत्री ने मुख्यमंत्री से पूछे सवाल का दिया जवाब
दरअसल, बीते 24 मार्च को राज्य के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह कोरिया जिलामुख्यालय पहुंचें, प्रेस कांफ्रेंस में सीएम से जब रेलवे आरक्षण बंद होने का सवाल किया गया तो उसे बीच में ही लपक कर श्रम व खेल मंत्री राजवाड़े ने जवाब दे डाला और कहा कि एक दो दिन में शुरू हो जाएगा, उसके बाद खबर आई कि श्रम मंत्री ने डीआरएम से बात की है एक सप्ताह में खुलने वाला है, जिसके बाद पूरा एक महीना गुजर गया, परन्तु रेलवे आरक्षण केन्द्र खुला ही नहीं, अब लोग श्रम मंत्री से सवाल कर रहे है आखिर आरक्षण केन्द्र खुलेगा कब।
बंद केंद्र खुलवाने कोई नही आया सामने
शहर में संचालित हो रहे शहरी रेल्वे आरक्षण केंद्र को बंद हुए लगभग एक माह हो गये इस दौरान कोई भी गंभीरता से इस बंद पडे केंद्र को खुलवाने की दिशा में सामने नहीं आया। यदि इसके लिए पूर्व से ही प्रयास किये जाते तो संभवत: पहले ही बंद पडी रेल्वे आरक्षण केंद्र का दरवाजा खुला जाता। सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह छोटू का कहना है कि अब हर हाल में शहरी रेल्वे आरक्षण केंद्र को खुलवाने को लेकर प्रयास किया जायेगा भले ही इसके लिए कितनी बडी लडाई लडनी पडे।
अभी 10 किमी दूर जाना पडता है
शहर में स्थापित किये गये शहरी रेल्वे आरक्षण केंद्र केा बंद कर दिये जाने से अब शहर के लोगों को 10 किमी दूर चरचा कॉलरी जाना पडता है या फिर मजबूरी में ऑन लाईन टिकट बुक कराना पडता है जिससे कि लोगों केा थोडी अधिक राशि खर्च करनी पड रही है। वही शहर के आस पास के लोगों केा भी चरचा कॉलरी रेल्वे रिजर्वेशन टिकट के लिए दौड लगानी पडती है। जिससे कि वे परेशान होते है यदि सुविधा शहर में शुरू रहती तो लोगों केा असुविधा नही होती।
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