राजेश्वर तिवारी, जांजगीर-चांपा। जिला मुख्यालय जांजगीर तहसीलदार की पत्नी द्वारा पारिवारिक विवाद के चलते खुदकुशी किए जाने का मामला सामने आया है। हालांकि यह घटना बिलासपुर में दो दिन पहले की है। बिलासपुर के सिविल लाइन पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले में जांच शुरू कर दी है। बिलासपुर सिविल लाइन पुलिस के मुताबिक, बिलासपुर के रिंग रोड-2 मकान नंबर 4 में ऊषा चौधरी (37) निवास करती थी, जो जांजगीर तहसीलदार शशि चौधरी की पत्नी थी। ऊषा सिम्स बिलासपुर में लैब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत थी। बीते गुरूवार की सुबह साढ़े 6 बजे उन्होंने अपने पति शशि चौधरी को मोबाइल पर कॉल किया और पारिवारिक विवाद का जिक्र करते हुए मरने की बात की और कॉल कट कर दिया। इधर, तहसीलदार शशि चौधरी ने अपनी पत्नी के मोबाइल पर कॉल किया, लेकिन ऊषा ने फोन रिसीव नहीं किया। इससे तहसीलदार की घबराहट बढ़ गई। उन्होंने पड़ोस में रहने वाले राजेश टोंडे पिता सखाराम को मोबाइल पर ऊषा से हुई बात की जानकारी देते हुए उसे घर जाकर देखने को कहा। राजेश तत्काल वहां पहुंचा, जहां नीचे के कमरे में ऊषा के दोनों बच्चे सो रहे थे। पहली मंजिल पर ऊषा का कमरा अंदर से बंद था। आवाज लगाने पर ऊषा ने दरवाजा नहीं खोला तो राजेश अपने घर की दीवार फांदकर उपर के कमरे में पहुंचा।
बाहर मकान की चाबी लटकी थी। राजेश ने दरवाजा खोलने का प्रयास किया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। उसने खिडक़ी से अंदर झांककर देखा तो ऊषा की लाश फांसी से लटक रही थी। उन्होंने घटना की सूचना मोबाइल से तहसीलदार शशि चौधरी को दी। इधर, सिविल लाइन पुलिस के अनुसार, ऊषा और उनके पति तहसीलदार के बीच कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। हफ्ते भर पहले ऊषा की बहन की दो बेटियां परीक्षा दिलाने आई हुई थी। दोनों लड़कियां तहसीलदार की बेटी को मॉल घुमाने ले गई थी। इसकी जानकारी ऊषा ने अपने पति को नहीं दी थी। दो दिन बाद इसकी जानकारी मिलने पर तहसीलदार शशि चौधरी ने मोबाइल पर साली की दोनों बेटियों को पढ़ाई नहीं करने और मॉल घूमने की बात पर फटकार लगाई थी। इस बात से तहसीलदार की पत्नी दुखी थी। बहरहाल, पुलिस मर्ग कायम कर मामले में जांच कर रही है।
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