नई दिल्ली। जज लोया की मौत स्वाभाविक थी या उनकी हत्या की गई थी इसकी निष्पक्ष जांच की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि एसआईटी की जांच नहीं कराई जाएगी, साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को लगभग लताड़ते हुए यह भी कहा कि इससे पहले जज लोया मामले में जजों के फैसलों पर शक नहीं किया जा सकता है। यह याचिका जजों की छवि को खराब करने की कोशिश है।
तीन जजों की बेंच ने कहा कि जनहित याचिकाएं जरूरी है लेकिन इसका दुरुपयोग चिंताजनक है। शीर्ष अदालत ने जस्टिस लोया की मौत को प्राकृतिक बताया है। बता दें कि कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला, पत्रकार बीएस लोने, बांबे लॉयर्स एसोसिएशन सहित अन्य द्वारा विशेष जज बीएच लोया की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग वाली याचिकाओं पर 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।
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