कोरिया को नहीं मिलेगा इस साल भी पानी, विभाग की लापरवाही से रुका काम, ग्राम पंचायतों पर फोड़ा जा रहा ठिकरा

चंद्रकात पारगीर, बैकुंठपुर (कोरिया)। कोरिया जिले में बीते वर्षो में बनी एक दर्जन से ज्यादा नलजल योजना के तहत टंकियां सूखी पड़ी है। पीएचई विभाग ने इसे आधी अधूरी बना कर ग्राम पंचायतों को दे दिया है। वहीं पीने का पानी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। विभाग इसका ठिकरा ग्राम पंचायतों पर फोड़ता रहा है। नलजल योजना के तहत बनी इन टंकियों से पानी पहुंचाने के लिए डीएमएफ से 16 नलजल योजनाओं के लिए एक करोड़ 50 लाख रुपए दिए गए है, लेकिन बमुश्किल से एक-दो जगहों को छोड़कर काम ही शुरु नहीं हो पाया है, जबकि गरमी के शुरु में ही लोग पीने के पानी के लिए यहां-वहां भटक रहे हैं। इसकी देखरेख को जिम्मान जिनको सौंपा गया है वह है पीएसई एसडीओ राम का कहना है हर जगह कार्य शुरू हो गया है जल्द की योजना को पूर्ण कर लिया जाएगा। इस संबंध में सामजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि विधायक आदर्श ग्राम बुढार में समस्याओं का अंबार है। पीने के पानी के लिए लोग बेहद परेशान है। पीएचई विभाग द्वारा पूर्व में किए गए कार्या की भी जांच कराया जाना चाहिए। बुढार को स्थानीय विधायक व मंत्री ने गोद लिया है। एक फेस लाईट से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चल रहा है। चार महिनों से लोग गुहार लगा रहे है कोई सुनने वाला नहीं है।
जानकारी के अनुसार कोरिया जिले के पीएसई विभाग ने बैकुंठपुर के अमहर आंजोखुर्दए आमापारा, बरपारा, बुढार, डुमरिया, करहियाखांड, करजी, कसरा, कटकोना, नगर, रनई, तेंदूआ, पोडीबचरा, तोलगा में नलजल योजना के तहत टंकियों के साथ पाईप विस्तार का कार्य किया था। कई ग्राम पंचायतों में टंकी तो बना दी गई थी परन्तु पाईप लाइन विस्तार कागजों पर ही है और राशि निकाल ली गई है। विभाग ने सभी योजनाओं को आधी अधूरी स्थिति में ग्राम पंचायत को सौप दिया है। कई वर्षो तक ग्राम पंचायत को इसकी जानकारी तक नहीं थी। इसके अलावा इसके रखरखाव के लिए विभाग को हर वर्ष राशि भी मिलती रही। परन्तु विभागीय लापरवाही के कारण योजना का लाभ ग्रामीणों को बिल्कुल नहीं मिलाए इधर प्रशासन से डीएमएफ की राशि बंटी जा रही थी। विभाग ने फिर एक बार नलजल योजना के सुदृढि़करण के नाम पर अमहर, आंजोखुर्द, आमापारा, बरपारा, बुढार, डुमरिया, करहियाखांड, करजी, कसरा, कटकोना, नगर, रनई, तेंदूआ, पोडीबचरा, तोलगा के एक करोड़ 50 लाख स्वीकृत करा लिए है।
सिर्फ कटकोना के लिए 26 लाख से ज्यादा की राशि स्वीकृत की गई। डीएमएफ से कुछ की स्वी$कृति अगस्त तो कुछ को नंबवर 2017 में स्वीकृत कर आधी राशि विभाग को दे दी गई। परन्तु आज तक कई ग्राम पंचायतों में कार्य शुरू नहीं हो सका है, जबकि कुछ ग्राम पंचायतों मे गढ्ढे खोद कर छोड़ दिया गया है तो कुछ में पीवीसी पाईप ही बिछ पाई है। विभाग ने हर मोहल्ले में पाईप लाइन विस्तार का कार्य पूर्ण होना बताया था परन्तु अब जब विभाग डीएमएफ से राशि लेकर गढ्ढे खुदवाकर पीवीसी पाइप लाइन बिछा रहा है तो पोल पूर्व में पाईप लाइन विस्तार की पोल खुल रही है। यहां के ग्रामीणों की माने तों बीते एक माह पूर्व की गढ्ढे खोदे गए है। निर्माण कार्य की गति देखकर उन्हें लगता है कि इस गर्मी भी उनको पीने के पानी के लिए यहां वहां भटकना पड़ेगा।
डीएमएफ से 5 करोड 19 लाख स्वीकृत
पीएचई विभाग को 5 करोड़ 19 लाख के 50 रुपए फरवरी 2018 तक स्वीकृत किए थे, जिसमें एक भी कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। वहीं प्रशासन ने नलजल योजनाओं के सुदृढिकरण के लिए एक करोड़ 50 के अलावा अमृतधारा में पूर्व में 40 लाख से पेयजल व्यवस्था में खर्च के बाद 25
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