शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दाखिल की है? इसमें उन्होंने मांग की है कि इस्लाम के नाम पर देश में जिस झंडे का इस्तेमाल किया जाता है, वह पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी मुस्लिम लीग का झंडा है, उसे बैन किया जाए। उन्होंने दावा किया है कि इस्लाम में इस तरह के झंडे का कहीं जिक्र या इतिहास नहीं है। देश में ऐसा झंडा लगाना संविधान विरोधी है। वसीम रिजवी कहते हैं कि 1906 में? मुस्लिम लीग के गठन के साथ ये झंडा बनाया गया था। ये झंडा मुस्लिम लीग की पहचान बना। इससे पहले इस झंडे की कोई इस्लामिक इतिहास नहीं रहा है।
ये राजनीतिक झंडा बनाया गया था। पाकिस्तान जब अलग हो गया तो जिन्न आदि इसे लेकर पाकिस्तान चले गए। इसी से पाकिस्तान का झंडा बनाया गया। वहीं पाकिस्तान की मुस्लिम लीग में आज भी ये झंडा इस्तेमाल किया जाता है। इस झंडे को यहां के कट्टरपंथी मुसलमानों ने पाकिस्तान की मोहब्बत में इस झंडे को कायम रखा और इसे धार्मिक झंडा बना दिया। वसीम रिजवी कहते हैं कि ये धार्मिक नहीं राजनीतिक झंडा है।
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