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जागरूकता और सावधानी से दूर भगा सकते हैं डेंगु और मलेरिया बीमारी…

बलरामपुर,पवन कश्यप-:डेंगू मलेरिया बीमारी जानलेवा साबित होती है, लेकिन बलरामपुर-रामानुजगंज में इस साल अब तक एक भी मामला सामने नहीं आया है। बारिश में इसके वाहक मच्छर से डेंगू और मलेरिया की आशंका रहती है जिसे जागरूकता और सावधानी से दूर भगा सकते हैं। स्वास्थ्य महकमा एहतियात के तौर पर संवेदनशील क्षेत्रों में कीटनाशक का छिड़काव कर रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबित डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया का प्रभाव कम है। वर्ष 2020 में इन बीमारियों से एक भी मौत नहीं हुई है तथा डेंगू का कोई मामला सामने नहीं आया है। मच्छर से होने वाली बीमारियों के लक्षण में तेज बुखार के साथ नाक बहना, खांसी, जोड़ों में दर्द और त्वचा पर हल्के धब्बे बनना, जी मितलाना, बार-बार उल्टी होना आदि शामिल है। डेंगू बुखार को हड्डीतोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें पीड़ित का पूरा शरीर दर्द करता है तथा प्लेटलेट्स का स्तर भी कम होता है।

वहीं वर्ष 2019 में जिले में कुल 14 मामले आए थे। हालांकि डेंगू संदेही को ट्रेस जरूर किया गया था लेकिन कोई भी इससे ग्रसित नहीं मिला। अलबत्ता इन संदेहियों में मलेरिया के मरीज जरूर मिले थे। वहीं इस साल स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता से डेंगू के मामले सामने नही आए है तथा डेंगू से बचाव के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास भी किये जा रहे हैं। बारिश के मौसम को देखते हुए सावधानी बरती जा रही है। ज्ञातव्य है कि ये बीमारी मच्छर के काटने से फैलता है तथा अधिकतर ये मच्छर बारिश में ही सक्रिय होते हैं।

इसे देखते हुए जिले के संवेदनशील क्षेत्रों में आवश्यक कीटनाशक का छिड़काव कराया गया है। डेंगू मच्छर जमें हुए साफ पानी में पनपते हैं इसलिए इन दिनों घरों के आसपास टायर, कूलर, टब, टंकी आदि में जमे पानी को हटाने की हिदायत दी गई है। इस वर्ष एक जनवरी से लेकर 31 जुलाई तक कुल 1596 मलेरिया से पीड़ित पाए गए हैं जिनमें से जिले में मलेरिया से कोई मौत नहीं हुई है। साथ ही इस वर्ष अब तक डेंगू के एक भी मरीज नहीं मिले है।

स्वास्थ्य विभाग की मलेरिया कंट्रोल टीम जिले के हर ब्लाॅक में घर-घर पहुंचकर मच्छरदानी उपलब्ध करा रही है। ताकि मच्छरदानी को डेल्टामेथ्रिन 2.5 प्रतिशत से संसक्तिकरण किया जा सके। राज्य शासन द्वारा जिले को डेल्टामेथ्रिन उपलब्ध का दी गई है। इसके साथ ही मच्छरों के स्त्रोत खत्म करने के लिए पानी के कंटेनर, कूलर को साफ करने के लिए घर-घर जाकर मितानिन और स्वास्थ्य कार्यकर्ता जागरूक कर रहे हैं।

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