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छग विस : गौशाला में पशुओं की मौत पर सदन गर्म, विपक्ष का हंगामा, वॉकआउट

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को विपक्षी दल कांग्रेस ने गौशालाओं में पशुओं की मौत के बाद दोषियों पर कार्रवाई नहीं किए जाने एवं बिना पंजीकृत गौशालाओं को अनुदान दिए जाने के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। इस मुद्दे पर पशुपालन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पशुओं की मौत मामले में ना केवल कार्रवाई की गई, बल्कि 10 डॉक्टरों को भी सस्पेंड किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजीकृत गौशालाओं को ही अनुदान दिया गया है। मंत्री के इस जवाब को असंतोषजनक बताते हुए कांग्रेसी सदस्यों के साथ विधायक सियाराम कौशिक भी सदन से बहिर्गमन किया।
प्रश्रकाल में कांगे्रस सदस्य दीपक बैज ने प्रदेश में संचालित गौसेवा आयोग में पंजीकृत गौशालाओं का मामला उठाया। उन्होंने अपने मूल प्रश्र में मंत्री से पूछा कि प्रदेश में 2018 की स्थिति में राज्य गौसेवा आयोग में कुल कितने गौशालाएं पंजीकृत है। उन्होंने यह भी पूछा कि कितने ऐसी गौशालाएं है जो पंजीकृत नहीं है और उन्हें अनुदान राशि दिया गया है। पशुपालन मंत्री श्री अग्रवाल ने बताया कि कुल 115 गौशालाएं पंजीकृत है और किसी भी बिना पंजीकृत गौशाला को अनुदान नहीं दिया गया है। दीपक बैज ने कहा कि दो गौशाला का नाम लेते हुए कहा कि ये दोनों गौशाला ऐसी है जहां एक भी पशु नहीं है फिर भी उन्हें लाखों रूपये अनुदान दिया गया है। उन्होंने मंत्री से मांग की कि क्या वे जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मंत्री श्री अग्रवाल ने इसका जवाब में कहा कि जिस समय अनुदान राशि जारी किया गया उस समय उन गौशालाओं में पशु थे और जब वहां पशु नहीं थे तो उन्हें अनुदान नहीं दिया गया। नेताप्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि शासन की राशि का गलत उपयोग हो रहा है आखिर शासन की नीति क्या है। उन्होंने कहा कि जिन संस्थाओं में एक भी पशु नहीं उनका पंजीयन क्यों समाप्त नहीं किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि गौशालाओं में 600 से अधिक मौतें हो जाती है पर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती।
मंत्री श्री अग्रवाल ने इसके जवाब में कहा कि जिन-जिन गौशालाओं में मौतें हुई है जांच के बाद वहां कार्रवाई की गई। पखांजूर, बेमेतरा, साजा के नाम लेते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि ना सिर्फ इस मामले में 10 डॉक्टरों को भी संस्पेंड किया गया है। मंत्री के इस जवाब के बाद भी कांग्रेस सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया।

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