
रायपुर। अमित शाह के सीबीआई बैन वाले बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अमित शाह, डॉ. रमन सिंह और भाजपा जनता को गुमराह करने के बजाए छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार द्वारा राजपत्र में आदेश जारी कर 2012 में सीबीआई को बिना अनुमति कार्रवाई करने से रोकने का स्पष्ट कारण बताए।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भाजपा की सरकार ने 2012 में ही सीबीआई को छत्तीसगढ़ में बिना अनुमति कार्रवाई करने से प्रतिबंधित किया था। उसी के नोटिफिकेशन को कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार के पास भेज कर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी को निभाया है, तो भाजपा के पेट में मरोड़ उठने लगी। सीबीआई को बैन करने का कारण अमित शाह रमन सिंह से पूछते तो ज्यादा बेहतर होता।
उन्होंने कहा कि अमित शाह ने आज भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ अमर्यादित, असंतुलित बयानबाजी करने के साथ-साथ झूठ का सहारा लिया है। सच्चाई तो यह है कि पांच साल से केंन्द्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार सीबीआई को विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है।
कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार का स्पष्ट मानना है, राज्य के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और किसी के साथ भी अन्याय ना हो और जिनके साथ भी अन्याय हुआ उनको न्याय मिले, इसकी भी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है।
जहां पर छत्तीसगढ़ की सरकार को लगता है कि सीबीआई जांच की आवश्यकता है, वहां सीबीआई जांच भी कराई जाएगी। सीबीआई को किसी विषय में जांच करनी है, तो सीबीआई इसकी छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेकर निष्पक्ष जांच करें। इसमें अमितशाह को क्या आपत्ति है?
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों से और भाजपा शासनकाल में फैले प्रशासनिक आतंकवाद से राज्य को 60 दिनों में मुक्त कराने से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बढ़ती लोकप्रियता से भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व भयभीत है।
विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार और कांग्रेस को मिले जनादेश से भाजपा नेतृत्व बौखलाहट में अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है। आने वाले लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में और पूरे देश में भाजपा को अभी से बुरी तरह से पराजय स्पष्ट दिखाई दे रही है। बौखलाहट में अमित शाह और भाजपा के नेता कांग्रेस सरकार द्वारा किए जा रहे जन कल्याणकारी एवं राज्य हित के फैसलों पर मीन मेख निकालने में लगे हैं।
छत्तीसगढ़ में माओवादी घटनाओं में कमी आने पर अमित शाह के बयान पर पलटवार करते हुए शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में माओवादी घटनाओं में कमी आने पर अमित शाह को तकलीफ क्यों हो रही है? भाजपा के शासन काल में दक्षिण बस्तर के 3 सीमावर्ती ब्लाकों तक सीमित माओवाद ने 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह के गृहजिले कवर्धा सहित 14 जिलों को अपनी गिरफ्त में ले लिया था।
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