रायपुर। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के भोरमदेव अभ्यारण में प्रस्तावित टाइगर प्रोजेक्ट के निर्णय को राज्य सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार के वन मंत्री व कबीरधाम जिले के प्रभारी मंत्री महेश गागड़ा ने बोडला विकासखण्ड के ग्राम पंचायत झलमला में आयोजित विकास सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वनांचल में रहने वाले लोगों के हितों और उनके विकास को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। अब भोरमदेव अभ्यारण के वन ग्राम तथा वनाचंल के किसी भी गांव को टाइगर प्रोजक्ट के नाम पर व्यवस्थापन नहीं किया जाएगा। उन्होंने वनाचंल क्षेत्र के बैगा-आदिवासियों एवं अन्य ग्रामीणों से आग्रह करते हुए यह भी कहा कि भोरमदेव अभ्यारण में प्रस्तावित टाईगर प्रोजेक्ट के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है तथा भ्रम की स्थिति निर्मित की जा रही है, ऐसे किसी भी बातों में ध्यान नहीं देना चाहिए। इस अवसर पर सांसद अभिषेक सिंह, कवर्धा विधायक अशोक साहू, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष डॉ. सियाराम साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष संतोष पटेल, बोडला जनपद अध्यक्ष श्रीमती शांति धुर्वे, विशेष रूप से उपस्थित थे।
प्रभारी मंत्री महेश गागड़ा ने विकास सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने शहर से लेकर गांव और गांव से लेकर वनांचल में रहने वाले लोगों को विकास के मुख्यधारा में जोडऩे के लिए प्रतिबद्ध और संकल्पित है। सरकार ने अपनी इन्ही प्रतिबद्वता को पूरा करने के लिए वनाचंल क्षेत्रों के वाले बैगा-आदिवासी सहित सभी के आर्थिक विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित की रही है।
सांसद अभिषेक सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भोरमदेव अभ्यारण को टाइगर प्रोजेक्टर बनाने के लिए राज्य सरकार ने स्वीकृति नहीं देने का निर्णय लिया है, जो वनांचल में रहने वाले ग्रामीणों के लिए विकास के हित में लिया गया फैसला है। उन्होने यह भी कहा कि टाइगर प्रोजेक्ट के नाम पर वनांचल में रहने वाले लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। हमें इस तरह के भ्रम में नहीं आना चाहिए।
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