रायपुर। मन में हौसला और अपने आप पर विश्वास हो तो विपरीत परिस्थितियों पर भी विजय प्राप्त की जा सकती है। जिला-राजनांदगांव के जनपद पंचायत-छुईखदान की ग्राम पंचायत-घिरघोली के निवासी शम्भूराम कोसरे ने यह साकार कर दिखाया है। 80 वर्ष उम्र की पड़ाव और उसके कारण आई शारीरिक कमजोरियां भी शम्भूराम के हौसले को डिगा नहीं पाई। कभी सूखे की मार झेल रहे अनुसूचित जाति बाहुल्य घिरघोली के किसान शम्भूराम और ऐसे ही अन्य किसान सूखे की स्थिति को अपनी नियति मान बैठे थे। गांव के पास से बहने वाली आमदनी नदी का पानी खरीफ फसल को पकाने के लिए कम पड़ जाता था। तब शम्भूराम ने गांव वालों को एकजुट किया और इस नदी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से एनीकट निर्माण करा कर, सूखे की स्थिति से निपटने में सफलता प्राप्त की।
घिरघोली के ग्रामीणों के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस कार्य को पूर्ण होने में मात्र 47 दिन का ही समय लगा। एनीकट बनने से गांव के 200 किसानों के लगभग 500 एकड़ रकबे में खरीफ फसल की अच्छी पैदावार हो रही है। इसके अलावा 200 एकड़ रकबे में चने का उत्पादन भी हो रहा है। ग्राम पंचायत-घिरघोली के आश्रित ग्राम-गभरा के अलावा आस-पास के अन्य गांव जैसे भोरमपुर, कोटरी छापर, शाखा के ग्रामीण भी इस एनीकट के पानी का उपयोग सिंचाई एवं निस्तारी के लिए कर रहे हैं।
शम्भूराम बताते हैं कि वे ग्राम वन समिति के अध्यक्ष हैं। एक बार क्षेत्र के वन समिति की बैठक ग्राम पंचायत-गातापार में रखी गई थी। बैठक में वन विभाग के जिला स्तर के अधिकारी आए हुए थे। इन अधिकारियों से उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं वन विभाग के जल संरक्षण से संबंधित कार्यो जैसे डबरी, कुआँ, बांध और एनीकट निर्माण आदि की जानकारियां प्राप्त हुई। ग्राम-गभरा की सूखे की समस्या के समाधान के लिए चर्चा के बाद ग्राम में एनीकट निर्माण की योजना बनी। एनीकट बनने से आज सूखे की स्थिति से निजात मिली है, वही किसान डबल फसल लेकर अतिरिक्त आमदनी भी कमा रहे हैं।
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