रायपुर। शिक्षाकर्मियों का प्रमोशन को लेकर बवाल मचा हुआ है ऐसे में एक आदेश चर्चा का विषय बना हुआ है। यह आदेश फिलहाल सवालों के घेरे में है। जशपुर नगर पालिका के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में लगभग 12 शिक्षाकर्मियों का प्रमोशन किया गया गया है। इसमें से कुछ शिक्षाकर्मी पंचायत शिक्षक से व्याख्याता बने हैं, तो कुछ सहायक शिक्षक से 8 साल का टाइमबांड प्रमोशन पाकर पंचायत शिक्षक, लेकिन उन 12 शिक्षाकर्मियों के प्रमोशन पर नजर डालें तो 5 शिक्षाकर्मी ऐसे हैं, जिनका प्रमोशन ‘विकल्प के आधार पर’ हुआ है, यानि इसका मतलब ये है कि दूसरे विषय के शिक्षक ने किसी दूसरे विषय को पढ़ाने की रजामंदी दी है।
उन्होंने ये विकल्प विभाग को बताया कि वो अंग्रेजी या गणित या कोई और विषय पढ़ा सकते हैं, तो उस आधार पर उनका प्रमोशन कर दिया गया, ऐसा इसलिए किया गया कि उन स्कूलों में पर्याप्त रिक्त पद उस विषय के मौजूद नहीं होंगे। जशपुर नगर के सीएमओ के आदेश जारी हुए प्रमोशन लिस्ट पर अब सवालों के घेरे में है। सरकार ने पहले ही विकल्प के आधार पर प्रमोशन को अमान्य कर दिया है। उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग ने डीईओ को पत्र जारी कर 10 अप्रैल तक रिक्त पदों की जानकारी मांगी है। इस संबंध में प्रवक्ता जितेन्द्र शर्मा का कहना है कि इस तरह विकल्प को आधार बनाकर दी गई पदोन्नति उचित नहीं है। डीपीआई के अनुसार भी विकल्प के आधार पर युक्ति-युक्तकरण को भी रिक्त पद माना गया है। उनका कहना है कि इस तरह जशपुर में जो पदोन्नति दी गई है वह अनुचित है।
सरकार पहले से ही विकल्प के आधार पर प्रमोशन के खिलाफ है। कुछ महीने पहले पंचायत विभाग ने विकल्प के आधापर प्रमोशन पर रोक लगायी है। विकल्प के जरिये प्रमोशन की छूट की वजह से सबसे ज्यादा खामियाजा साइंश व इंग्लिश के टीचरों को भुगतना पड़ता है, क्योंकि दूसरे विषय के शिक्षकों की संख्या ज्यादा होती थी, ऐसे में विकल्प की छूट होने की वजह से कई दूससे विषय के शिक्षक साइंस व अंग्रेजी सबजेक्ट चुन लिया करते थे।
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