छत्तीसगढ़

भिलाई में पुलिस ने रैली निकालने की नहीं दी अनुमति तो सड़क पर लेटकर किया प्रदर्शन

सेवा भाव के प्रतीक कर्मचारियों को रोड पर लेटने पर मजबूर होना पड़ा। दरअसल चंदूलाल चंद्राकर मडिकल कालेज का अधिग्रहण के बाद निकाले गए महिला और पुरुष कर्मचारी संविलियन की मांग को लेकर आंदोलनरत है। निकाले गए कर्मचारी मंगलवार सुबह आंदोलन स्थल कुरुद पंडाल से कलेक्टोरेट तक बाइक रैली निकालने वाले थे, लेकिन पुलिस प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी और रैली को शुरू होने से पहले ही रोक दिया गया। इससे नाराज कर्मचारियों ने पंडाल के सामने सड़क पर लेटकर चिलचिताली धूप में प्रदर्शन किया।

सरकार द्वारा चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कालेज का अधिग्रहण करने के बाद यहां काम कर रहे 101 कर्मचारियों को काम से बाहर कर दिया गया। ये कर्मचारी वर्ष 2013 से कार्यरत थे। सितंबर 2020 में कालेज का अधिग्रहण होने के बाद से निकाले गए कर्मचारी कालेज के निकट ही पंडाल लगाकर आंदोलन कर रहे हैं। 19 अप्रैल को इन कर्मियों ने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का नारा लगाते हुए आंदोलन स्थल से बाइक रैली निकालने की तैयारी की थी, जिसकी जानकारी 24 घंटे पहले कलेक्टोरेट कार्यालय और जेवरा सिरसा पुलिस चौकी में दी गई थी।

लेकिन पुलिस प्रशासन ने अनुमति नहीं दी और मंगलवार सुबह रैली को ही रोक दिया। इससे नाराज कर्मचारी पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पंडाल के सामने सड़क पर ही लेटकर प्रदर्शन करने लगे। आंदोलन कारियों का नेतृत्व कर रहे कलादास डेहरीया ने बताया कि कर्मचारियों का आंदोलन सात महीने से चल रहा है लेकिन शासन प्रशासन ने उनकी मांगों को लेकर कोई सुध नहीं ली। कई महीने से काम नहीं होने के कारण कई आंदोलनकारियों के समक्ष भूखमरी की स्थिति भी निर्मित हो गई है।

मंगलवार को प्रदर्शन में शीला साहू, रूपेश, दुलीचंद, लीला देवांगन, ममता मोहन राव, नवीन पटनायक, द्वारिका वर्मा, हुबलाल साहू, महेंद्र पटेल , कलादास डेहरीया, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति,जन स्वास्थ्य कर्मचारी यूनियन, महिला मुक्क्ति मोर्चा, नगरीय निकाय जनवादि सफाई कामगार यूंनियन,लोक तांत्रिक इस्पात एवं इंजीनियरिंग मजदूर यूनियन, प्रगतिशील सीमेंट श्रमिक संघ, जन आधारित पावर प्लांट मजदूर यूनियन के सदस्य भी उपस्थित थे।

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