राजधानी में पुलिस की सख्ती और चौक चौराहों पर हाईटेक कैमरे से निगरानी के बावजूद कई वाहन चालक लगातार ट्रैफिक नियम तोड़ रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ने वाली गाड़ियों का रिकार्ड तैयार कर रही है। करीब एक साल का रिकार्ड चेक करने पर पता चला कि एक मेडिकल स्टोर की बाइक ने 13 बार सिग्नल तोड़ा है। वह भी 14 माह के भीतर। ऐसे दुपहिया चालक और भी हैं।
कार वाले भी पीछे नहीं हैं। रिकार्ड खंगालने पर एक कार ऐसी मिली है, जिसे चलाने वाले 10 बार नियम तोड़ चुके हैं। पुलिस अब ऐसी गाड़ियों के चालकों को बुलाकर उनकी काउंसिलिंग करेगी। उनसे पूछा जाएगा कि आखिर वे बार-बार नियम क्यों तोड़ रहे हैं। अब वे सुधरेंगे नहीं तो उनका लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के रिकार्ड के अनुसार मेडिकल स्टोर वाले ने 14 में से सिर्फ 3 बार ही चालान जमा किया है। 11 चालान अब भी पेडिंग है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शहर में सबसे ज्यादा ट्रैफिक तोड़ने वालों का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है।
ताकि उन्हें बुलाकर काउंसिलिंग की जाए। उन्हें ट्रैफिक नियमों की जानकारी भी दी जाएगी। इसके लिए दो साल का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। इसमें चौंकाने वाला डेटा सामाने आया है। कई गाड़ी चलाने वाले लगातार ट्रैफिक नियम तोड़ रहे हैं और जुर्माना भी जमा नहीं कर रहे है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी की जाएगी। उनके चालान को कोर्ट पेश किया जाएगा। कोर्ट के माध्यम ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेगी।
केनाल रोड और अंबेडकर अस्पताल चौक नंबर-1
पुलिस की आकड़ों पर नजर डाले तो केनाल रोड चौक और अंबेडकर अस्पताल चौक पर सबसे ज्यादा सिग्नल का उल्लंघन किया जा रहा है। सुबह 10 से 11 और शाम को 5 बजे के बाद। लोग रेड सिग्नल होने के बावजूद चौराहे को पार कर रहे हैं। वहीं अनुपम गार्डन चौक, कलेक्टोरेट और कालीबाड़ी चौक पर लोग रांग साइड ज्यादा चल रहे हैं।
इन गाड़ियों ने तोड़ा सबसे ज्यादा ट्रैफिक
14 माह के भीतर राजधानी के एक बड़े मेडिकल स्टोर के नाम से खरीदी गई बाइक से ट्रैफिक नियम तोड़ा गया है। हालांकि हर बार चालक अलग-अलग थे। इसमें भी 90 फीसदी सिग्नल तोड़कर निकले है। एक कारोबारी की कार ने 10 बार ट्रैफिक नियम तोड़ा है। एक बाइक ने 6 और दूसरी ने 5 बार ट्रैफिक नियम तोड़ा है। एक ऑटो ने 4 बार नियम तोड़ा है।
दूसरे राज्यों की 7 हजार गाड़ियों के चालान
पुलिस ने दूसरे राज्यों में 7 हजार ई-चालान भेजा है। हालांकि इसमें भी 30 फीसदी लोगों ने ही जुर्माना जमा किया है। पुलिस के अनुसार जब से ई-चालान भेजने का डाक विभाग से अनुबंध हुआ है। तब से दूसरे राज्यों में भी ई-चालान भेजा जा रहा है। इसमें बिहार, यूपी, ओडिशा, महाराष्ट्र, एमपी और झारखंड की गाड़ियां ज्यादा है। पुलिस दूसरे राज्यों का चालान कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही है।
फोन पर मैसेज किया जा रहा चालान
पुलिस घर के पते पर चालान भेजने के अलावा फोन पर भी ई-चालान मैसेज कर रही है। कोई भी वाहन चालक ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं, उन्हें आधा घंटे के भीतर मैसेज आ जाता है। इसमें ऑनलाइन पेमेंट का लिंक भी होता है, ताकि घर से ही जुर्माना जमा कर दें। हालांकि ज्यादातर मैसेज 2016 के बाद की गाड़ी के चालक को भेजा जा रहा है। क्योंकि 2016 के पहले की गाड़ियों के आरटीओ रिकॉर्ड में सिर्फ घर या कंपनी का पता दिया जाता था। उसके बाद नियम में बदलाव किया गया। अब आरटीओ में गाड़ी मालिक का फोन नंबर भी लिया जा रहा है।
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