उदयपुर में टेलर की हत्या के विरोध में गुजरात के बनासकांठा में मुस्लिम फेरीवालों से सामान नहीं खरीदने का फरमान जारी किए जाने का मामला सामने आया है. इस पर शनिवार को बनासकांठा प्रशासन की प्रतिक्रिया सामने आई है. प्रशासन की ओर से कहा गया है कि वाघासन समूह की ग्राम पंचायत के लेटर पैड पर दुकानदारों को “मुस्लिम फेरीवालों” से सामान नहीं खरीदने का जो निर्देश दिया गया है, वो आधिकारिक नहीं है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बनासकांठा जिला विकास अधिकारी स्वप्निल खरे ने कहा कि जिस व्यक्ति ने वाघासन समूह ग्राम पंचायत के लेटर पैड पर आदेश के हस्ताक्षर किए हैं, उसके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि पंचायत वर्तमान में एक प्रशासक के अधीन है और सरपंच पद के लिए चुनाव होना है.
खरे ने कहा, “प्रशासक ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि जारी किया गया पत्र निराधार है और किसी को भी इसका पालन करने की आवश्यकता नहीं है. अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा लेटर हेड
30 जून के लेटर पैड में कहा गया है कि वाघासन गांव के दुकानदारों को उदयपुर में टेलर की हत्या के मद्देनजर मुस्लिम समुदाय के फेरीवालों (व्यापारियों) से सामान नहीं खरीदना चाहिए. इस पर पूर्व सरपंच माफ़ीबेन पटेल के हस्ताक्षर और मोहर है. सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद स्थानीय प्रशासन के संज्ञान में आए पत्र में कहा गया है, ‘अगर कोई दुकानदार मुस्लिम व्यापारियों से सामान लेते हुए देखा गया तो उस पर 5100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और वो पैसा योगदान गोशाला को दिया जाएगा.
इस पर खरे ने कहा, “किसी को भी ऐसा कोई लेटर पैड जारी करने का अधिकार नहीं है. पत्र जारी करने वाला व्यक्ति पूर्व सरपंच है. सरपंच का चुनाव होना है और यह वर्तमान में प्रशासक के अधीन है.”
वाघासन समूह ग्राम पंचायत का चुका है विभाजन
बनासकांठा जिला प्रशासन द्वारा जारी एक बयान में वाघासन ग्राम पंचायत प्रशासक आरआर चौधरी के हवाले से कहा गया है कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से लेटर पैड में लिखी गई बातों के बारे में पता चला. विज्ञप्ति में कहा गया है कि वाघासन समूह ग्राम पंचायत को विभाजित किया गया है और वाघासन ग्राम पंचायत को अलग कर दिया गया है. पिछले साल 2 नवंबर को इसके लिए एक प्रशासक नियुक्त किया गया था.
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