छत्तीसगढ़

अष्टमी-नवमीं की तिथि को लेकर है भ्रम…पढ़े पूरी खबर…

वासंतिक नवरात्र की अष्टमी और नवमीं के हवन से लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। लोग असमंजस में हैं कि किस दिन कन्यापूजन करना शुभ फलदायी होगा। ऐसे में आपकी परेशानी का निदान ज्योतिषाचार्य पंडित अरुणेश कुमार शर्मा ने कर दिया है।

बता दें कि नवरात्र इस बार 8 दिनों की है। जानकारों के मुताबिक, चैत्र नवरात्र अष्टमी शुक्रवार को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट से प्रारंभ हो रही है। यह शनिवार को 11 बजकर 41 मिनट तक रहेगी।

मां सिद्धिदात्री का पूजन नवमीं शनिवार को 11 बजकर 41 मिनट से किया जा सकेगा। हालांकि उदयातिथि के अनुसार अष्टमी शनिवार को और नवमीं रविवार मानी जाएगी।




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ज्योतिष के अनुसार, तिथि आरंभ से अष्टमी पूजा और कन्या पूजन करना शास्त्रोक्त है। ऐसे साधक जो किन्हीं कारणों से अष्टमी को शुक्रवार को मनाना चाहते हैं वे दोपहर 1 बजकर 23 मिनट से अष्टमी पूजा और यज्ञादि कर सकते हैं।

सर्वार्थसिद्धि योग सप्तमी पूजन के दौरान माता कालरात्रि की महानिशा पूजा की जाती है। शुक्रवार को प्रात: 9 बजकर 53 मिनट से सर्वार्थसिद्धि योग भी प्रारंभ हो रहा है। इसमें मां के पूजन की शुभता और बढ़ जाती है।

उदयातिथि के अनुसार इसकी मान्यता शनिवार को अहोरात्र रहेगी। भक्तगण अष्टमी पूजन शुक्रवार से भी प्रारंभ कर सकते हैं। समस्त सिद्धियों को प्रदान करने वाली मां सिद्धिदात्री का पूजन नवमीं को होता है। नवरात्रि व्रत्र संकल्प इन्हीं की पूजा से पूर्णता प्राप्त होता है

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