बाजारों से 2000 के नोट आउट हैं। दुकानों, बैंकों और एटीएम कहीं भी नहीं मिल रहे। रायपुर या छत्तीसगढ़ ही नहीं देशभर में 2000 के नोटों का प्रचलन बेहद कम हो गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की 2021-22 की सालाना रिपोर्ट में भी दावा किया गया है कि देश के सभी राज्यों में 2000 के नोटों को हिस्सेदारी 2 फीसदी से भी कम रह गई है। छत्तीसगढ़ में यह प्रतिशत 0.25 ही रह गया है।
2000 नोट के कैसेट्स को 500 में बदल दिया गया
आमतौर पर एक एटीएम में 4 कैसेट्स यानी बॉक्स होते हैं। इसमें शुरुआत में 100, 200, 500 और 2000 के नोट रखे जा रहे थे। लेकिन पिछले कई महीनों से 2000 के नोट के कैसेट्स को 500 के नोट में बदल दिया गया है। अब दो कैसेट्स में 100, 200 और बाकी दो कैसेट्स यानी बॉक्स में 500 के नोट रखे जा रहे हैं। इस कारण 2000 के नोट नहीं निकल रहे।
2000 के नोट लेने से बच भी रहे हैं लोग
राजधानी में 2000 के नोट लेने से लोग बच भी रहे हैं। बाजार में कारोबारियों को नोट दिए जाते हैं तो वे चिल्हर नहीं कहकर वापस कर देते हैं। छोटे ठेलों और स्टोर में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा होने की वजह से 2000 के नोटों का लेन-देन ही कम है। बैंक वालों का कहना है कि 2000 का नोट देने पर 500 के नोटों के ही बंडल की डिमांड कर रहे हैं।
2000 के नोट छपना भी बंद हो चुके हैं: आरबीआई की रिपोर्ट
आरबीआई की 2021-22 की सालाना रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी सभी तरह के 13053 करोड़ के नोट देशभर में चल रहे हैं। इसमें 2000 के नोटों की हिस्सेदारी 2 प्रतिशत से भी कम है, जबकि इस साल मार्च में 500 के नोटों की संख्या 31.05 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। देशभर में 214 करोड़ के 2000 के नोट प्रचलन से बाहर हैं। 2000 के नए नोट भी नहीं छप रहे।
नागपुर से रायपुर, रायपुर से जिलों में जाते हैं नोट
छत्तीसगढ़ में नए नोट नागपुर से रायपुर आते हैं, फिर यहां से जिलों में जाते हैं। जनवरी 2022 से 2000 के नोटों की एक भी नई खेप रायपुर नहीं आई। इसलिए प्रदेश के बैंकों में भी ये नोट नहीं पहुंचे। पिछले तीन महीने से भी ज्यादा समय से स्टेट बैंक इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब एंड सिंध बैंक, आईडीबीआई, आईसीआईसीआई समेत प्रमुख बैंकों के एटीएम में भी 2000 के नोट नहीं हैं।
Add Comment