सुबह उठकर मुंह साफ करना (Mouth cleaning) सभी की दिनचर्या का सबसे अहम हिस्सा होता है. मुंह की सफाई के लिए लोग कई तरीके अपनाते हैं, जिसमें जीभ, दांत और मुंह की गंदगी दूर की जाती है. डॉक्टर्स के अनुसार सुबह का रूटीन आपको कुछ जानलेवा बीमारियों से बचा सकता है. इसलिए सुबह मुंह की अच्छे से सफाई और देखभाल करना काफी जरूरी हो जाता है.
‘आस्क द डेंटिस्ट’ नाम से चैनल चलाने वाले डॉ. मार्क बुरहेन (Dr. Mark Burhenne) ने कहा कि ‘यदि आपका मुंह हेल्दी नहीं है, तो आप भी हेल्दी नहीं रह सकते’. फ्लॉसिंग (Flossing) अधिकांश लोगों की दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. फ्लॉसिंग दांतों को तो साफ रखता ही है, साथ ही साथ यह कुछ जानलेवा बीमारियों से भी बचा सकता है. उनके मुताबिक, फ्लॉसिंग के कुछ ऐसे कारण भी हैं, जो दांतों के अलावा भी आपके लिए काफी फायदेमंद होते हैं.
फ्लॉसिंग क्या है ? (What is Flossing)
फ्लॉसिंग दांतों की गहराई से सफाई करने का तरीका है. दरअसल, खाना खाते समय दांतों के बीच में खाना फंस जाता है, जिससे मुंह में कई बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं. दांतों के बीच में जमी गंदगी और फंसा हुआ खाना निकालने के लिए एक पतले धागे से दांतों की सफाई की जाती है, इस तरीके को फ्लॉसिंग कहते हैं.
फ्लॉसिंग, मनोभ्रंश (Dementia), हृदय रोग (Heart disease) और खून के थक्के जमना (Blood clots) और प्रजनन क्षमता को बढ़ाने (Fertility) में मदद करता है. 2019 की रिसर्च के मुताबिक, मुंह में सामान्य रूप से मौजूद बैक्टीरिया मुंह में हानिकारक बैक्टीरिया पैदा करते हैं, जो मस्तिष्क तक जा सकते हैं, जिसके कारण ‘भूलने का रोग’ यानी अल्जाइमर (Alzheimer) की समस्या हो सकती है. वहीं हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के विशेषज्ञों का कहना है कि हार्ट रोग से दूर रहने के लिए मुंह की हेल्थ का अच्छा होना काफी जरूरी है.
फ्लॉसिंग के बताए फायदे
डॉ. मार्क बुरहेन ने बताया कि रिसर्च से पता चलता है कि जिन लोगों की ओरल हेल्थ (Oral health) अच्छी होती है, उनकी अपेक्षा जिन लोगों के मुंह की हेल्थ खराब होती है, मसूड़ों की बीमारी या दांतों के गिरने की बीमारी होती है, उनमें दिल के दौरे और स्ट्रोक की संभावना अधिक होती है.
फ्लॉसिंग सूजन और सी-रिएक्शन प्रोटीन को कम कर सकता है, जो कि इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है.
ब्रिटिश डेंटल फाउंडेशन के प्रमुख डॉ. निगेल कार्टर के मुताबिक, अगर किसी के मुंह में सूजन है तो यह शरीर में सूजन का भी कारण बन सकता है. मुंह मिडिएटर के रूप में काम करता है और बड़ी संख्या में कैमिकल के प्रवाह को बढ़ा सकता है, जो हार्ट रोग में सूजन का कारण बन सकता है.
वहीं ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा 2008 में पब्लिश की गई स्टडी के मुताबिक, अगर बैक्टीरिया मसूड़ों के माध्यम से ब्लड में चले जाते हैं तो वह प्लेटलेट्स के साथ मिलकर खून के थक्के बना सकता है. अगर यह खून के थक्के खून तक पहुंच जाते हैं, तो यह स्वस्थ लोगों में भी दिल के दौरे का कारण बन सकते हैं.
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