रमेश अग्रवाल, रायगढ़। जिले में उज्ज्वला योजना का लगभग जनाजा निकल गया है। एलपीजी गैस कनेक्शन वितरण के बाद आज तक अधिकतम 25 से 30 प्रतिशत ही गैस की रिफिलिंग हुई है। जिले में आज तक 104617 गैस कनेक्शन दिये जाने थे जिसमें से 70 प्रतिशत कनेक्शन ही दिये गये हैं। कुल 71170 लोगों को उज्जवला का लाभ मिला हैं लेकिन रिफिलिंग की व्यवस्था नहीं होने से 70 प्रतिशत महिलाये वापस घरेलू चूल्हे का ही इस्तेमाल कर रही है। इस अव्यवस्था का कारण हैं वितरकों व अधिकारियों की सांठग़ांठ जिसके कारण जिले में गैस की जमकर कालाबजारी हो रही है।
अधिकांश गांव में ग्रामीण महिलाओं को योजनाएं के लाभ से वंचित कर दिया गया है। आज भी महिलाएं आदिम युग में अपना जीवन यापन कर रही है। जंगल से लकड़ी काटकर उससे खाना पका रही है। जिसके कारण जंगलों की भी कटाई हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 मई 2016 को उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी और योजना के अनुसार 5 करोड़ गरीब महिलाओं को फ्री गैस कनेक्शन मुहैया कराये जाने थे। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी गरीब परिवारों को लाखो कनेक्शन दिये है। रमन सरकार के आंकड़ो के अनुसार छत्तीसगढ़ में सवा साल में गरीब परिवार को 16 लाख 23 हजार 113 रसोई गैस कनेक्शन दिये गये है। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों की एक लाख 40 हजार 688 महिलाएं, शहरी क्षेत्रों की 58 हजार 197 महिलाएं और एक लाख 58 हजार 29 निर्माण श्रमिक परिवार की महिलाएं शामिल है।केंद्र सरकार द्वारा इस योजना से गरीब महिलाओं को मिट्टी के चूल्?हे से निजात दिलाने की योजना थी जो आब खाद्य अधिकारियों की लापरवाही के कारण फैल हो गयी ।
गरीब परिवार की महिला सदस्यों को मुफ्त रसोई गैस (एलपीजी) कनेक्शन मुहैया कराने के लिए मंत्रिमंडल ने 8,000 करोड़ रुपएं की योजना को मंजूरी दी थी। जिसे 1 मई 2016 को शुरू किया गया था। इसके अंतर्गत गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन दिया गया ।
फिर बनने लगा लकड़ी से खाना
रायगढ़ जिले में एलपीजी गैस की आपूर्ति नहीं किये जाने से महिलायें फिर से लकड़ी से खाना पका रही हैं जिसके कारण जंगलो का अवैध कटाई में भी बढोतरी हुयी है। घर में ईधन पूर्ति करने के लिये पेड़ कटाई में पुरुष के साथ महिलाएं व बच्चे भी शामिल हैं।
क्या कहते हैं जिले के अधिकारी शासन के द्वारा गरीब परिवार वालो को दो सौ रुपए में एलपीजी गैस कनेक्शन दिया गया हैं। गैस का रेट आज करीब 8 सौ रुपए है जिसकी वजह से रिफिलिंग नही हो पा रही है। फिलहाल कुल 30 प्रतिशत को ही गैस रिफिलिंग हो पा रही हैं बाकी खाना कैसे बनाती हैं पता नहीं शायद लकडी़ का उपयोग करती हैं।
जी.पी राठिया, जिला खाद्य अधिकारी, रायगढ़
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