कोलंबो। निदहास ट्रॉफी के बांग्लादेश-श्रीलंका के बीच आखिरी राउंड रॉबिन मुकाबले के दौरान अंतिम ओवर में मैदानी ड्रामा से क्रिकेट एक बार फिर कलंकित हुआ. करो या मरो के मुकाबले के दौरान बांग्लादेश ने श्रीलंका पर जरूर दिलचस्प जीत हासिल कर ली, लेकिन मैच के आखिरी लम्हों में जो कुछ भी हुआ उससे क्रिकेट शर्मसार हो गया। मैदान पर तो खिलाड़ी भिड़े ही, ड्रेसिंग रूम के दरवाजे के शीशे भी टूटे। फिलहाल ये पता नहीं चल पाया है कि इसके पीछे कौन है। अब सीसीटीवी फुटेज खंगालने की तैयारी है। अंपायर खेल के अंतिम क्षणों के वीडियो फुटेज भी खंगालेंगे, जिसके बाद वे इस निर्णय पर पहुंच पाएंगे कि कोई खिलाड़ी इसके लिए कितना दोषी है। मैच खत्म होने के बाद भी विवाद थमता नजर नहीं आया. खिलाडिय़ों ने ऐसा माहौल बना दिया, मानो स्कूली क्रिकेट में जीत या हार हुई हो. बांग्लादेश के कोच कर्टने वॉल्श को भी अपने खिलाडिय़ों को समझाने के लिए मैदान पर उतरना पड़ा. इतना ही नहीं, बांग्लादेश के खिलाडिय़ों ने नागिन डांस करने से भी खुद को रोक नहीं पाए. दुनिया भर में मैदान पर हुए इस विवाद की आलोचना हो रही है।
कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में बैठे हजारों दर्शक उस वक्त हैरान रह गए, जब बांग्लादेशी कप्तान शाकिब अल हसन अचानक अपने खिलाडिय़ों को वापस पवेलियन बुलाने लगे. इस दौरान मैदान पर बांग्लादेशी और श्रीलंकाई क्रिकेटरों के बीच गर्मागर्म बहस भी हुई. श्रीलंकाई खिलाडिय़ों का कहना था कि आखिरी ओवर की शुरुआती दोनों गेंदें कंधे से ऊपर थीं और फील्ड अंपायर ने नो-बॉल नहीं दिया। बाद में कमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर ने कहा कि गेंद जरूर कंधे से ऊपर थी, लेकिन बल्लेबाज के हेलमेट से नीचे होकर निकली।
आखिरकार पांच मिनट तक चले इस घटनाक्रम को खत्म करने में अहम भूमिका बांग्लादेश के टीम मैनेजर खालिद महमूद ने निभाई. उनके समझाने के बाद शाकिब ने अपने खिलाडिय़ों को खेलने के लिए भेजा। अगर बांग्लादेशी बल्लेबाज बैटिंग के लिए नहीं जाते, तो टीम को टूर्नामेंट से डिस्क्वालिफाई कर दिया जाता और श्रीलंका फाइनल में पहुंच जाता।
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— Niks (@beingnik07) March 16, 2018
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