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बारिश से प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा… जिलों से मांगी गई रिपोर्ट, मुआवजे की राशि आपदा निधि से दी जाएगी…

पिछले तीन दिन में प्रदेश के कई हिस्सों में हुई बारिश से खेतों में कटकर पड़े धान या पकी फसल को हुए नुकसान पर सरकार मुआवजा देने की तैयारी में है। सरकार ने कलेक्टरों से खराब हुई फसल की रिपोर्ट एक हफ्ते में मांगी है। उसके बाद जरूरत पर राजस्व नियमों के तहत मुआवजा देने की तैयारी है। इसका सिस्टम कलेक्टरों की रिपोर्ट मिलने के बाद तय किया जाएगा।

प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे तथा राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने संकेत दिए हैं कि कलेक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर राजस्व नियमों के तहत मुआवजा दिया जा सकता है। इस नुकसान की भरपाई राजस्व पुस्तिका के नियमों के तहत होगी। इसके मुताबिक सिंचित क्षेत्र में यदि इस बारिश से नुकसान हुआ होगा तो किसानों को प्रति एकड़ 13500 रुपए मुआवजा दिया जा सकता है। इसी तरह, असिंचित क्षेत्र के किसानों का मुआवजा 6800 रुपए एकड़ होगा। लेकिन यह मुआवजा जिलों से नुकसान की पुख्ता रिपोर्ट के आधार पर ही दिया जाएगा।

बालियां सड़ने और कटी फसल अंकुरित होने की आशंका
प्रदेश में आने वाले दो-तीन दिन प्रदेश में बारिश की फिर आशंका है। रायपुर, दुर्ग समेत कुछ जिलों में वर्षा हो सकती है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि तेज बारिश होने पर खेतों में खड़ी धान फसल अगर लेट गई तो बालियां सड़ने की आशंका है। जबकि कटी फसल में अंकुरण हो सकता है। कलेक्टरों ने पड़ताल शुरू की है, लेकिन शासन को अभी किसी जिले से रिपोर्ट नहीं मिली है। सूत्रों के अनुसार सरगुजा संभाग के जशपुर, पत्थलगांव, लैलूंगा आदि से कटी फसल खराब होने की खबरें आ रही हैं। अभी पूरे प्रदेश में धान कटाई चल रही है। अनुमान है कि करीब 15 से 20 प्रतिशत कटाई राज्यभर में हो चुकी है। इस वजह से जो धान खेतों में पड़ा है, उसके खराब होने की आशंका है।

इसके विपरीत… रबी फसलों को फायदा
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार हाल में हुई बारिश व अगले कुछ दिनों में होने वाली वर्षा रबी की फसलों के लिए लाभदायक होगी, खासतौर पर चना, गेहूं और तिवरा आदि के लिए। अब सब्जियों का सीजन भी शुरू हो रहा है। गोभी, टमाटर व अन्य सब्जियों की बोआई प्रारंभ हो गई है। बारिश हुई तो इनके लिए अतिरिक्त पानी की जरूरत नहीं होगी।

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