T20 World Cup 2021 में भारतीय अभियान खत्म होते ही हेड कोच रवि शास्त्री का कार्यकाल भी खत्म हो गया. रवि शास्त्री ने 4 सालों तक बतौर हेड कोच काम किया और इस दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की. विराट और रवि शास्त्री की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलिया में 2 बार टेस्ट सीरीज जीती. वेस्टइंडीज में पहली बार भारत ने टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप किया. इंग्लैंड में भी भारत 2-1 से आगे रहा. टी20 में भारत ने साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में जीत हासिल की. सच में विराट-शास्त्री की जोड़ी ने कमाल काम किया है लेकिन इन दोनों से 5 ऐसी भूल भी हुई हैं जिसका खामियाजा टीम इंडिया को चुकाना पड़ा है. आइए आपको बताते हैं विराट-शास्त्री की जोड़ी के दिए 5 सिरदर्द जिन्हें भारतीय फैंस नहीं भूल पाएंगे.
पहला सिरदर्द- इसमें कोई दो राय नहीं है कि विराट कोहली और शास्त्री की जोड़ी ने टीम इंडिया को नतीजे दिए हैं लेकिन जब इनकी पार्टनरशिप टूटी है तो टीम इंडिया के पास नंबर 4 के लिए कोई बल्लेबाज फिक्स नहीं है. 2019 वर्ल्ड कप से पहले शास्त्री-विराट की जोड़ी ने अंबाती रायडू पर भरोसा नहीं जताया और उन्हें बाहर कर दिया गया. रायडू की जगह विजय शंकर खेले. इसके बाद दिनेश कार्तिक, ऋषभ पंत जैसे बल्लेबाज इस पोजिशन पर टेस्ट किए गए. श्रेयस अय्यर को मौका दिया गया लेकिन चोट के बावजूद इस खिलाड़ी ने भी अपनी जगह खो दी. नंबर 4 की पोजिशन टीम इंडिया के लिए अबतक चिंता का विषय है.
दूसरा सिरदर्द- विराट और शास्त्री की जोड़ी टीम इंडिया को हार्दिक पंड्या का विकल्प ही नहीं दे पाई. 2 साल पहले हार्दिक को चोट लगी थी और टीम इंडिया के पास अबतक कोई मीडियम पेसर-ऑलराउंडर नहीं है. शिवम दुबे, विजय शंकर आए और गए. हार्दिक के पूरी तरह गेंदबाजी के लिए फिट नहीं होने और उनका विकल्प नदारद रहने से टी20 वर्ल्ड कप 2021 में टीम इंडिया को बहुत नुकसान हुआ.
तीसरा सिरदर्द- विराट कोहली और रवि शास्त्री की जोड़ी बेहद प्रोफेशनल अंदाज में काम करती दिखी लेकिन इसके चलते टीम इंडिया ने कई स्टार्स को गंवा दिया या फिर वो अपनी काबिलियत के दम पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए. हनुमा विहारी, मयंक अग्रवाल ने अपना दम भी दिखाया लेकिन अबतक इन दोनों की टेस्ट टीम में जगह पक्की नहीं है. लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में कुलदीप-युजवेंद्र चहल की जोड़ी ने कमाल का प्रदर्शन किया लेकिन अचानक इसे तोड़ दिया गया, नतीजा आज ये दोनों टीम से बाहर हैं.
चौथा सिरदर्द- विराट कोहली और रवि शास्त्री की जोड़ी ने सीनियर खिलाड़ियों में भी असुरक्षा का भाव पैदा किया. टेस्ट में पुजारा और रहाणे जैसे खिलाड़ियों की जगह खतरे में नजर आती दिखी वहीं इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में अश्विन जैसा वर्ल्ड क्लास गेंदबाज बेंच पर बैठा रहा. वनडे और टी20 में अचानक अश्विन को टीम में चुनना बंद कर दिया गया. अश्विन ने हाल ही में 4 साल बाद टी20 टीम में वापसी की है.
पांचवां सिरदर्द- दुनिया की हर कामयाब टीम के पास बाएं हाथ का तेज गेंदबाज है. पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया आप नाम लीजिये हर टीम की कामयाबी में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज का अहम रोल है लेकिन शास्त्री-कोहली की जोड़ी टीम इंडिया को बाएं हाथ का तेज गेंदबाज नहीं दिला पाई. खलील अहमद, टी नटराजन आए और गए. आज टीम के पास कोई लेफ्ट आर्म पेसर नहीं.
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