उत्तर प्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले हर राजनीतिक दल अपने-अपने वोट बैंक को बढ़ाने की कोशिशों में जुटा है.
इसी सिलसिले में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को वैश्य समुदाय को अपने साथ लाने की कोशिश करते हुए ऐसा राजनीतिक दांव खेला है, जिससे वो यह साबित कर सकें कि प्रदेश की राजनीति में अब भी उनका दबदबा क़ायम है.
दरअसल, राज्य सरकार ने एक दिन का सत्र बुला कर 14 साल बाद विधान सभा के उपाध्यक्ष का चुनाव करवाया.
योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सपा के बाग़ी नेता नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल को विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए अपना उम्मीदवार बनाकर सबको चौंका दिया.
योगी आदित्यनाथ ने इसे परंपरा से भी जोड़ते हुए कहा कि वे विपक्ष के विधानसभा सदस्य को विधानसभा का उपाध्यक्ष पद दे रहे हैं हालांकि, इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया था.
Add Comment