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वन रक्षक परीक्षा में विभाग ही हुआ फेल! 42 हजार अभ्यर्थियों को फिर देना होगा फिजिकल टेस्ट

रायपुर। छत्तीसगढ़ में वनरक्षक अभ्यर्थियों के साथ खिलवाड़ किया गया। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए 42 हजार अभियर्थियों के भविष्य के साथ आंख-मिचौली खेली गई। नतीजतन एक बार फिर ये सभी अभ्यर्थी वन रक्षक बनने के सपने के साथ फिजिकल टेस्ट देने पहुंचेंगे। दरअसल छत्तीसगढ़ वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में वर्ष 2023-24 के तहत निकली वनरक्षक के 1484 पदों पर सीधी भर्ती के फिजिकल टेस्ट में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आई है। नियमों की अनदेखी करते हुए करीब 42 हजार अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट मैन्युअल तरीके से या फिर कृत्रिम प्रकाश में कराया गया, जिसे अब विभाग ने अमान्य मानते हुए दोबारा परीक्षा कराने का फैसला लिया है। यह दोबारा फिजिकल टेस्ट 7 जुलाई से शुरू होगा।

डिजिटल तकनीक की जगह मैन्युअल माप, रात में भी हुआ परीक्षण
भर्ती प्रक्रिया के तहत लंबी कूद और गोला फेंक की परीक्षा के लिए DTS (डिजिटल टेक्नोलॉजी सिस्टम) से जांच करना अनिवार्य था, साथ ही निर्देश था कि सभी फिजिकल टेस्ट केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही कराए जाएं। लेकिन 17 नोडल वनमंडलों में से 9 में 41,773 अभ्यर्थियों की लंबी कूद मैन्युअल रूप से कराई गई। वहीं 12 वनमंडलों में 6979 अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट सूर्यास्त के बाद कृत्रिम रोशनी में हुआ।तकनीकी समस्या की दी गई दलील
जिम्मेदारों की ओर से तर्क दिया गया कि सर्दी के मौसम में दिन छोटे होने और मशीनों में बार-बार तकनीकी गड़बड़ी आने के कारण यह निर्णय लेना पड़ा। साथ ही दूर-दराज से आए अभ्यर्थियों को वापस न लौटाना पड़े, इसके लिए भर्ती समिति ने तत्काल मैन्युअल और कृत्रिम रोशनी में परीक्षण कराने की अनुमति दी थी।

1.5 लाख अभ्यर्थियों के फिजिकल टेस्ट लेने में ही फुल गई सांसें

वनरक्षक भर्ती के लिए प्रदेशभर से सवा 4 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। फिजिकल टेस्ट के दौरान लगभग 2.5 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। सिर्फ डेढ़ लाख अभ्यर्थियों ने फिजिकल टेस्ट दिया। अब ऐसे में यह सवाल उठता है कि सिर्फ डेढ़ लाख अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट लेने में एजेंसी की सांसे फूल गई। अगर सभी अभ्यर्थी पहुंचते तो क्या होता ?

अपर सचिव ने दिए दोबारा टेस्ट कराने के निर्देश
वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर सचिव डीआर सोन्टापर ने भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए स्पष्ट निर्देश जारी किए थे कि सभी अभ्यर्थियों के लिए एक समान प्रक्रिया अपनाई जाए। उन्होंने कहा कि मैन्युअल और कृत्रिम रोशनी में हुए टेस्ट को अमान्य मानते हुए सभी संबंधित अभ्यर्थियों का दोबारा फिजिकल टेस्ट DTS प्रणाली से, दिन के उजाले में कराया जाए।

7 जुलाई से दोबारा फिजिकल टेस्ट, 27 जून से एडमिट कार्ड
जिन अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा में शामिल होना है, वे 27 जून से विभाग की वेबसाइट से अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकेंगे। यदि तकनीकी समस्या आती है, तो अभ्यर्थी संबंधित नोडल वनमंडल कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। विभाग ने सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 7489986772 भी जारी किया है।

कहां-कहां हुए नियमों का उल्लंघन
मैन्युअल लंबी कूद की कार्यवाही रायपुर, महासमुंद, धमतरी, रायगढ़, बालोद, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कांकेर और राजनांदगांव वनमंडलों में कराई गई, वहीं कृत्रिम प्रकाश में परीक्षण धमतरी, बीजापुर, कांकेर, कोण्डागांव, राजनांदगांव, सरगुजा, कोरिया, जशपुर, कवर्धा, बिलासपुर, रायगढ़ और कोरबा में कराया गया।

क्या अब नहीं होगी नियमों की अनदेखी ?
वनरक्षक भर्ती प्रक्रिया में सामने आए इस मामले ने सरकारी चयन प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अब यह देखना होगा कि विभाग दोबारा होने वाले फिजिकल टेस्ट को कितनी निष्पक्षता और सटीकता से करवा पाता है ? या दूर-दराज से अभ्यर्थियों को बुलाकर फिर अपनी मनमानी की जाएगी।

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